- शाहपुर में मोहना नदी पर अवैध रेत खनन के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई की। एसडीएम पल्लवी पौराणिक ने मौके से 10 ट्रैक्टर-ट्रालियां जब्त कीं। हथनूर और खकनार में भी अवैध खनन जारी है। रेत माफिया संरक्षण में मनमाने दाम वसूल रहे हैं। प्रशासन ने सख्ती के संकेत दिए हैं।
ताप्ती नदी और मोहना नदी सहित जिलेभर के नदी-नालों को खोखला कर चुके रेत माफिया के खिलाफ लंबे समय बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की है। कलेक्टर हर्ष सिंह के निर्देश पर बुधवार सुबह एसडीएम पल्लवी पौराणिक ने शाहपुर के मोहना नदी पुल के पास चल रहे अवैध रेत खनन पर छापामार कार्रवाई की है।
इस दौरान मौके से दस ट्रैक्टर ट्रालियां जब्त की गई हैं। इन्हें शाहपुर थाने में खड़ा कराया गया है। अधिकारियों के वाहन और पुलिस को घाट में उतरता देख रेत माफिया मौके से फरार हो गए थे। एसडीएम ने बताया कि पूछताछ करने पर कोई भी ट्रैक्टर चालक रायल्टी नहीं बता पाया। उन्होंने बताया कि रेत के अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ अब लगातार कार्रवाई होगी।
हथनूर व खकनार सहित कई स्थानों पर अवैध खनन
- जिला मुख्यालय से करीब पांच किमी दूर हथनूर और करीब 60 किमी दूर खकनार क्षेत्र की नदियों में भी रेत का अवैध खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है। इसमें सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों द्वारा संरक्षण दिए जाने की बात भी सामने आई है।
- खकनार के दूरस्थ क्षेत्रों में किसी अधिकारी के नहीं पहुंचने के कारण दिन-रात अवैध खनन किया जा रहा है। रेत के अंधाधुंध दोहन के कारण कई स्थानों पर नदियों के पाट चौड़े हो गए हैं और उनका प्राकृतिक स्वरूप बिगड़ गया है। जिससे जलीय जीव जंतुओं का जीवन भी खतरे में आ गया है।
रेत के दमों पर भी नियंत्रण नहीं
- अवैध रेत खनन के साथ ही अधिकृत ठेकेदार और सप्लायर नागरिकों से मनमाने दाम भी वसूल रहे हैं। वर्तमान में लोगों को एक ट्राली रेत सात से आठ हजार रुपये में मिल रही है। जबकि एक ट्राली रेत की सरकारी रायल्टी 31 सौ रुपये है।
- इसमें लोडिंग-अनलोडिंग का खर्च और परिवहन भाड़ा भी जोड़ दें तो यह करीब डेढ़ हजार होता है। इस हिसाब से प्रति ट्राली रेत के दाम पांच हजार से अधिक नहीं होने चाहिए।