- 1 अप्रैल से मध्य प्रदेश के धार्मिक स्थानों पर शराबबंदी लागू. उज्जैन के 17 दुकानों और 11 बियर बार पर लगे ताले. काल भैरव के लिए बाहर से लाना होगा शराब.
उज्जैन: 1 अप्रैल यानि आज से देश सहित मध्य प्रदेश में कई चीजों में बदलाव हुए हैं. देशभर में जहां टोल टैक्स की दर बढ़ाई गई. एमपी में बिजली बिल भी बढ़कर आएगा. तो वहीं एलपीजी गैस सिलेंडरों के दाम में कटौती भी हुई. इसके अलावा मध्य प्रदेश में कर्मचारियों की वेतववृद्धि के अलावा आज से धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी हो जाएगी. मध्य प्रदेश के 17 धार्मिक शहर में शराब दुकानों को बंद कर दिया गया है. वहीं महाकाल नगरी उज्जैन में 17 शराब दुकानों पर ताले जड़ दिए गए.
उज्जैन के 17 शराब दुकान और 11 बियर बार बंद
उज्जैन नगर निगम में आने वाली 17 शराब की दुकान और 11 बियर बार बंद कर दिए गए हैं. इसी के साथ काल भैरव भगवान को चढ़ने वाली मदिरा की समस्या भी खड़ी हो गई है, क्योंकि काल भैरव मंदिर के बाहर लगने वाले दो काउंटर को भी बंद कर दिया गया है. फिलहाल श्रद्धालुओं को मदिरा उपलब्ध नहीं हो पा रही है. जिस पर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि “काल भैरव को नियम अनुसार भोग लगाने के लिए मदिरा उपलब्ध कराई जाएगी. यदि किसी श्रद्धालुओं को चढ़ाना है, तो वह नगर निगम की सीमा के बाहर से लाकर चढ़ा सकता है.”
महाकाल के सेनापति कालभैरव मंदिर की खासियत
परंपरा के अनुसार, कालभैरव मंदिर सदियों से मदिरा का भोग लगते आया है. इसी के साथ श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में काल भैरव भगवान को मदिरा का भोग चढ़ाते हैं. जहां काल भैरव मंदिर के सामने दो काउंटर पर श्रद्धालुओं को शराब उपलब्ध कराई जाती थी. जहां से मदिरा लेकर भगवान कालभैरव को अर्पित की जाती थी. शराबबंदी के फैसले से मंदिर में आने वाले मदिरा प्रसाद को लेकर भारी संकट उत्पन्न हो गया है.
कालभैरव आने वाले भक्तों को नहीं मिल रही मदिरा
सरकार द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन में 17 शहरों में शराबबंदी का जिक्र होने के बावजूद कालभैरव मंदिर का नाम न लेने से यहां की शराब बिक्री को लेकर निर्णय में देर हुई. इसके चलते एक दिन पहले तक उलझन बनी रही. मंगलवार से निर्णय को देखते हुए कालभैरव मंदिर के सामने स्थित शराब की दोनों दुकानों को बंद कर दिया गया. जिसके बाद मंगलवार सुबह से कई भक्त अपने साथ शराब लेकर मंदिर पहुंचे थे, क्योंकि उन्हें लगा था कि शराबबंदी का निर्णय हो चुका है. जबकि कुछ भक्तों को मदिरा नहीं मिल पाई. जिससे वे प्रसाद के लिए दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं.

प्रशासन कर रहा कालभैरव मंदिर में मदिरा की व्यवस्था
काल भैरव मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश चतुर्वेदी ने कहा की “रोज पांच बार शराब का भोग कालभैरव को चढ़ाया जाता है. प्रशासन द्वारा इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. हालांकि, कुछ भक्त अन्य शहरों से शराब लेकर आ रहे हैं.” वहीं गुजरात से आए श्रद्धालु राजू भाई का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार का जो फैसला है, वह बहुत बढ़िया है, जरूरी नहीं है कि भगवान को मदिरा का भोग लगाया जाए. भगवान को प्रसाद भी चढ़ाया जा सकता है.”

आपको बता दें उज्जैन की नगर सीमा में स्थित 17 प्रमुख शराब दुकानें
1 जिनमें नानाखेड़ा क्रमांक एक और दो
2 फ्रीगंज
3 छत्री चौक (कालभैरव काउंटर सहित)
4 फाजलपुरा
5 नागझिरी क्रमांक एक
6 सांवेर रोड
7 टंकी चौक
8 मकोड़ियाआम
9 केडी गेट (कालभैरव काउंटर सहित)
10 इंदौर गेट
11 कोयला फाटक
12 पंवासा
13 नीलगंगा
14 जयसिंहपुरा
15 नागझिरी-2 व नई सड़क
निगम की सीमा से बाहर मिलेगी शराब
शराबबंदी पर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह का कहना है कि शहर की नगर निगम में आने वाली 17 शराब दुकान और 11 बियर बार में उपलब्ध नहीं हो पाएगी. अब शराब नगर निगम सीमा के बाहर मिल सकेगी. इसी के साथ काल भैरव भगवान को चढ़ने के लिए दो काउंटर लगे थे, उन्हें बंद कर दिया गया है. फिलहाल मंदिर में भगवान को चढ़ाने के लिए नियमित रूप से जो मदिरा दी जाती थी, वह मिलेगी.

सीएम ने किया था एमपी के धार्मिक नगरी में शराबबंदी का ऐलान
गौरतलब है कि 23 जनवरी को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के 17 अलग-अलग धार्मिक नगरियों में शराबबंदी का ऐलान किया था. जिसमें उन्होंने 1 अप्रैल से इस फैसले को लागू करने की बात कही थी. सीएम ने शराबबंदी की घोषणा करते हुए कहा था कि ” समाज में नशाखोरी की आदत बर्बादी का कारण बन रही है. शराब के चक्कर में परिवार के परिवार बरबाद हो जाते हैं. यह बहुत बड़ा कष्ट है. लिहाजा हमने संकल्प लिया है कि हमारी सरकार 17 अलग-अगल धार्मिक स्थानों में शराबबंदी करेगी.” उसी फैसले को प्रदेश में आज से लागू कर दिया गया है.
मध्य प्रदेश में यहां शराबबंदी
1 चित्रकूट (धार्मिक नगरी, भगवान राम ने वनवास का समय यहां बिताया)
2 मैहर (मां शारदा का प्रसिद्ध मंदिर)
3 दतिया (पीतांबरा माता मंदिर)
4 सलकनपुर (प्रसिद्ध देवी मंदिर)
5 ओरछा (रामराजा सरकार का मंदिर)
6 ओंकारेश्वर ( ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग)
7 उज्जैन (महाकालेश्वर मंदिर)
8 अमरकंटक (नर्मदा उद्गम स्थल)
9 मंडला (नर्मदा के प्रसिद्ध घाट)
10 महेश्वर (कई प्राचीन मंदिर)
11 मुलताई (ताप्ती उद्गम स्थल)
12 जबलपुर (प्राचीन नगरी, नर्मदा घाट के लिए प्रसिद्ध)
13 नलखेड़ा (मां बगुलामुखी मंदिर)
14 मंदसौर (भगवान पशुपतिनाथ मंदिर)
15 बरमान घाट और मंडेलश्वर (नर्मदा के प्रसिद्ध घाट)
16 पन्ना (जुगलकिशोर भगवान का प्राचीन मंदिर)
17 भोजपुर (महादेव का प्राचीन मंदिर)