रक्षा मंत्रालय ने HAL के साथ 156 प्रचंड लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर की सप्लाई के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। यह हेलीकॉप्टर एक महीने बाद आर्मी और एयरफोर्स को मिलेंगे। स्वदेशी हेलीकॉप्टर में अत्याधुनिक तकनीक और मिसाइल सिस्टम लगाए गए हैं। इन हेलीकॉप्टरों की कॉम्बेट रेडियस 500 किमी और अधिकतम स्पीड 330 किमी/घंटा है।
नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने HAL के साथ 156 प्रचंड लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर की सप्लाई के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी की मंजूरी के बाद ये करार साइन किया गया। इसमें 90 प्रचंड इंडियन आर्मी को और 66 प्रचंड एयरफोर्स को मिलेंगे। अभी एयरफोर्स के पास 10 और आर्मी के पांच 5 प्रचंड हैं।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ दो कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं जिनके तहत 156 लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर (LCH) प्रचंड की सप्लाई की जाएगी। इसमें प्रशिक्षण और अन्य संबंधित उपकरण भी शामिल हैं। इन कॉन्ट्रैक्ट की कुल लागत 62700 करोड़ रुपए (करों को छोड़कर) है। पहला कॉन्ट्रैक्ट एयरफोर्स के लिए 66 LCH की सप्लाई का है और दूसरा कॉन्ट्रैक्ट आर्मी के लिए 90 LCH की सप्लाई के लिए किया गया है। इन हेलीकॉप्टरों की सप्लाई तीन साल बाद शुरू होगी और सप्लाई अगले पांच साल में पूरी की जाएगी।
प्रचंड लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर पहले स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर हैं। आर्मी के लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर में 20 एमएम की गन होगी, 70 एमएम का रॉकेट होगा, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल हेलिना होगी। इसमें एयर टू एयर मिसाइल भी होगी। यह मिसाइल एयरफोर्स के लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर में लगने वाली मिसाइल से अलग होगी। एयरफोर्स को मिले लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर में फ्रांस की मिस्त्राल-2 मिसाइल लगनी हैं। स्वदेशी लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर प्रचंड को एचएएल ने डिजाइन और डिवेलप किया है। इसका वजन 5.8 टन है। हल्के वजन का फायदा यह है कि ये हाई एल्टीट्यूट एरिया में भी अपनी फुल कैपिसिटी में मिसाइल और दूसरे हथियारों के साथ आराम से ऑपरेट कर सकता है।
क्या है खासियत?
करगिल युद्ध के वक्त से लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर की जरूरत महसूस की गई थी। यह दुनिया का एकमात्र अटैक हेलीकॉप्टर है जो 5,000 मीटर की ऊंचाई पर हथियारों और ईंधन के साथ उड़ान भरने और उतरने में सक्षम है। इससे सेना की हाई एल्टीट्यूट एरिया में मारक क्षमता काफी बढ़ जाती है। इसकी कॉम्बेट रेडियस 500 किलोमीटर है। यह 21 हजार फीट तक की ऊंचाई तक ऑपरेट कर सकता है। इसकी अधिकतम स्पीड 330 केएमपीएच है। प्रचंड दुनिया का पहला ऐसा अटैक हेलीकॉप्टर है जो सियाचिन जैसे इलाके में भी पूरी क्षमता से काम कर सकता है।
दुश्मन की रडार में आना मुश्किल
प्रचंड में दुश्मन को चकमा देने के लिए इस तरह के फीचर हैं कि ये आसानी से दुश्मन की रडार की पकड़ में नहीं आएगा। इसकी बॉडी और रोटर्स पर गोली का कोई खास असर नहीं होगा। इसमें पायलट हेलमेट माउंटेड साइट है और इंफ्रारेड साइटिंग सिस्टम के जरिए जमीन और हवा में किसी भी टारगेट पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है। ये हेलीकॉप्टर सेल्फ प्रोटेक्शन सूट से लैस है इसमें रडार और लेजर मिसाइल वॉर्निग सिस्टम लगा हुआ है। ये कम विजिबिलिटी में दिन-रात किसी भी मौसम में ऑपरेट कर सकता है। इसका इस्तेमाल एंटी इंफेंट्री ( पैदल सेना के खिलाफ), एंटी आर्मर ( सेना को ले जाने वाले वीइकल के खिलाफ), एंटी यूएवी के तौर पर हो सकता है। काउंटर इनसरजेंसी ऑपरेशन में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।