नई दिल्ली. भारतीय नौसेना के कर्मियों को मर्चेंट नेवी में लेने के लिए नौसेना और नौवहन महानिदेशालय के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गए हैं. रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी. समझौते के प्रावधानों के तहत महानिदेशालय ने भारतीय नौसेना के कर्मियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों (एसटीसीडब्ल्यू) के अनुसार प्रमाण पत्र देने की योजना बनाई है. एसटीसीडब्ल्यू, मर्चेंट पोत ओर जाने वाले कर्मियों की योग्यता के लिए मानक स्थापित करता है. मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “भारतीय नौसेना और नौवहन महानिदेशालय के बीच 20 जून को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए हैं ताकि भारतीय नौसेना के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों को मर्चेंट नेवी में लिया जा सके.”
बयान में कहा गया कि नौवहन महानिदेशालय ने प्रावधानों पर पहले ही आदेश जारी कर दिया है. इस योजना के तहत नौसना कर्मियों को जरूरी ब्रिजिंग पाठ्यक्रमों और परीक्षाओं से गुजरना होगा. इसके बाद अन्य कुछ मामलों में एसटीसीडब्ल्यू प्रावधानों के तहत अनिवार्य न्यूनतम व्यापारी जहाज समुद्री सेवा पूरी करने पर सर्टिफिकेट मिलेगा. यह प्रमाण पत्र इंडियन नेवी में काम करने वाले कर्मचारियों को भारत के साथ-साथ दुनिया भर में शिपिंग कंपनियों में मर्चेंट जहाजों पर अलग-अलग पदनामों के लिए सहज ट्रांसफर में मदद मिलेगा. इस बदलाव को प्रभावी करने के लिए विस्तृत प्रक्रिया डीजी शिपिंग द्वारा 2022 के डीजीएस आदेश 17 के माध्यम से जारी की गई है.
यह आदेश नौसेना समुद्री सेवा और भारतीय नौसेना (आईएन) कर्मियों द्वारा दिए गए उन्नत प्रशिक्षण को विधिवत स्वीकार करता है, जिसमें समुद्री के साथ ही तकनीकी, दोनों क्षेत्र में आईएन के लगभग सभी अधिकारियों और नाविकों के कैडर शामिल हैं. यह योजना नौसेना कर्मियों को आवश्यक ब्रिजिंग पाठ्यक्रमों और परीक्षाओं से गुजरने के बाद और कुछ मामलों में एसटीसीडब्ल्यू प्रावधानों के तहत अनिवार्य न्यूनतम व्यापारी जहाज समुद्री सेवा पूरी कर सक्षमता का प्रमाण पत्र प्राप्त करना सुनिश्चित करेगी. यह आईएन कर्मियों को भारत में और साथ ही दुनिया भर में शिपिंग कंपनियों में मर्चेंट जहाजों पर विभिन्न पदनामों के लिए सहज स्थानांतरण में सहायता करेगा.
इस स्थानांतरण योजना को काफी परिश्रम और अंतर्राष्ट्रीय नियमों सहित कई कारकों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. इन योजनाओं में कई प्रावधान हैं जो मर्चेंट नेवी में शीर्ष रैंक तक भी आईएन कर्मियों को सीधे बिठाने की पेशकश करते हैं. नौसेना में पर्याप्त अनुभव वाले आईएन कर्मी अब समुद्री क्षेत्र में असीमित टन भार के साथ विदेश जाने वाले जहाजों पर सीधे प्रमुख के रूप में और इंजीनियरिंग क्षेत्र में मुख्य अभियंता के पद तक शामिल हो सकेंगे.
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Tags: Indian navy
FIRST PUBLISHED : June 23, 2022, 14:42 IST