पटना. गंगा नदी पर बने गांधी सेतु पुल (Gandhi Setu) के पूर्वी लेन के उद्घाटन होने के बाद सियासत गर्मा गई है. मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और राज्य के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने पुल के पूर्वी लेन का उद्घाटन किया. गांधी सेतु के इस लेन पर यातायात शुरू होने से उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार आने-जाने के लिए लोगों को बड़ी राहत पहुंची है. सेतु के पूर्वी लेन के उद्घाटन कार्यक्रम में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को आमंत्रित नहीं किए जाने पर मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) आक्रोशित है. आरजेडी (RJD) के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि इस योजना को कार्यान्वित कराने में नेता विपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
गगन ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार में तेजस्वी यादव पथ निर्माण विभाग के मंत्री बने तो गांधी सेतु का पुनर्निर्माण उनके प्राथमिकता सूची में था. 20 नवंबर, 2015 को उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली थी जिसके बाद 30 दिसंबर, 2015 को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मिल कर गांधी सेतु के पुनर्निर्माण कराने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव पुनः गांधी सेतु पुनर्निर्माण की पूरी कार्ययोजना के साथ 19 अप्रैल, 2016 को नितिन गडकरी से मिले और उन्होंने योजना को अविलंब कार्यान्वित करने का अनुरोध किया था. इस पर केंद्र सरकार के द्वारा सहमति व्यक्त करते हुए 22 जून, 2016 को सेतु के पुनर्निर्माण हेतु 1,742 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की गई थी.
तेजस्वी यादव को आमंत्रण नहीं मिलने से बिफरी RJD
गांधी सेतु के उद्घाटन समारोह में तेजस्वी यादव को आमंत्रण नहीं देने पर आरजेडी के प्रवक्ता ने कहा कि पर उन्हें भी सामान्य विधायक की श्रेणी मे रखा गया. जबकि पुल का एक बड़ा भाग उनके निर्वाचन क्षेत्र राघोपुर में पड़ता है. चितरंजन गगन ने सवाल उठाते हुए कहा कि विज्ञापन में जब बिहार सरकार के मंत्रियों के नाम हो सकते हैं तो स्थानीय विधायक और नेता विपक्ष के रूप में तेजस्वी यादव का नाम भी रहना चाहिए था. चूंकि प्रोटोकॉल के अनुसार भी नेता विपक्ष को मंत्री के समकक्ष (बराबर) माना जाता है. जबकी लोकार्पण के मंच पर ऐसे लोग भी विराजमान थे जिन्होंने वर्ष 2016 में इस योजना का विरोध किया था.
गगन ने कहा कि बीजेपी के नेता और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नितिन गडकरी से मिल कर इसका विरोध किया था, लेकिन केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री तेजस्वी यादव को दिए अपने आश्वासन पर कायम रहे जिसका नतीजा हुआ कि तेजस्वी यादव के सरकार में रहते हुए ही सेतु के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हो गया. इसको साढ़े तीन साल मे पूरा होना था पर प्रदेश में सरकार बदल जाने की वजह से इसे पूरा होने में इतना लंबा समय लग गया.
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Tags: Bihar News in hindi, Bihar politics, CM Nitish Kumar, Tejashwi Yadav
FIRST PUBLISHED : June 07, 2022, 23:00 IST