नई दिल्ली/कामलिका सेनगुप्ता. पूर्वोत्तर के गुवाहाटी से होकर गुजरने वाली महाराष्ट्र की राजनीतिक गाथा महज संयोग नहीं थी, बल्कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी विधायकों की सोची-समझी योजना थी. शिंदे और बागी गुट के ‘गुवाहाटी के 8 दिन’ और पूरे ऑपरेशन को कैसे तैयार किया गया, न्यूज़18 ने इसे डिकोड किया है. न्यूज़18 को सूत्र बताते हैं कि महाराष्ट्र योजना की पहली सूचना गुवाहाटी में 14 जून को पहुंची और विधायकों से ‘एक उपयुक्त जगह की तलाश करने के लिए कहा गया, जहां वे ठहर सकें”. अंत में, 20 जून को, विद्रोही विधायकों ने मांग की कि वे काजीरंगा में रहना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि ‘शिवसैनिक’ गुवाहाटी पहुंच सकते हैं.
बागी विधायकों को यह भरोसा दिलाया गया था कि गुवाहाटी एक ‘सुरक्षित स्थान’ है और उन्हें ‘कुछ नहीं होगा’. इसके बाद 21 जून को एक रिपोर्ट आई, जिसमें यह बताया गया कि एकनाथ शिंदे 30 से अधिक विधायकों के साथ गुवाहाटी जा रहे थे. हालांकि गुवाहाटी किसी बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल के लिए नहीं जाना जाता है, लेकिन बाढ़ की गंभीर स्थिति के बीच यह पहाड़ी शहर महाराष्ट्र संकट में फंस गया. असम को इसलिए चुना गया ताकि कोई ‘शिवसैनिक’ वहां न पहुंच सके.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Assam, BJP, Devendra Fadnavis, Eknath Shinde, Shiv sena, Uddhav thackeray
FIRST PUBLISHED : June 30, 2022, 15:46 IST