टोंक. टोंक जिले के लांबा गांव के रहने वाले विष्णु लांबा को बचपन से ही पेड़-पौधों से इतना लगाव था और वे जहां भी अच्छे पौधे देखते, उन्हें चुरा लाते और अपने घर और बगीचे के आसपास लगा देते. जिसके कारण गांव के लोग बचपन में उनको पौधा चोर कहते थे. बाद में गांव में कोई भी पेड़ लगाने के लिए पौधे मंगवाता तो विष्णु लांबा को भी दो पौधे भेंट कर देता था. पढ़ाई-लिखाई से विष्णु लांबा का कुछ खास लगाव नहीं था. लेकिन उनके अंदर प्रकृति और पर्यावरण को लेकर एक तरह की जागरूकता बचपन से ही थी.
विष्णु लांबा का पेड़ों के प्रति प्रेम धीरे-धीरे एक मिशन में बदल गया. विष्णु लांबा अब तक अपने गांव में डेढ़ लाख फलदार पौधे लगवा चुके हैं. फलों के इन बगीचों में सहफसली खेती भी होती है. जिससे गांव वालों की आमदनी 4 गुना बढ़ गई है. लांबा बहुत बड़ा गांव है और वहां करीब 5000 वोटर हैं. अब तक इस गांव में पिछले 3 साल में कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है. यह सब वहां फैली हरियाली और स्वस्थ वातावरण के कारण संभव हुआ.
छोटे भाई की शादी में भी मांगे पौधे
एक समय ऐसा भी आया जब विष्णु लांबा अपने गुरु से दीक्षा लेकर संन्यासी बनना चाहते थे. लेकिन उनके गुरु ने उनसे कहा, ‘तुम बिना भगवा चोला धारण किए संन्यासी जीवन जिए जाओ और प्रकृति का काम करो.’ 2011-12 में जब उनके छोटे भाई की शादी हो रही थी तो उनके पिताजी ने कहा, ‘बताओ दहेज में क्या मांगना है?’ इसके जवाब में विष्णु लांबा ने कहा कि 2 पौधे मांग लीजिए. इसके बाद छोटे भाई की ससुराल से ट्रैक्टर-ट्रॉली भर के पौधे दिए गए. बारात में गए हर व्यक्ति को पौधे दिए गए. इसकी चर्चा चारों तरफ फैली और मीडिया ने भी इसको बहुत ज्यादा तवज्जो दी. इसे इको फ्रेंडली वेडिंग के तौर पर हर जगह प्रचारित किया गया.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा- ट्री मैन ऑफ इंडिया
विष्णु लांबा ने पेड़ लगाने को अपने जीवन का मिशन बनाया तो लोगों ने उनके पिता से कहा, ‘आपका बेटा बेकार निकल गया. क्या केवल पेड़ लगाने का काम भी कोई करता है.’ लेकिन अब सबकी समझ में आ गया है कि पेड़ लगाना कितना जरूरी है. पेड़ लगाने के साथ ही विष्णु लांबा ने 22 राज्यों में घूमकर क्रांतिकारियों के जन्म स्थान और शहीद स्थलों पर पेड़ लगाए. करीब 56 क्रांतिकारियों के परिवारों को एकत्रित करके वे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलाने ले गए. तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें ट्री मैन ऑफ इंडिया कहा. इसके बाद विष्णु लांबा ने चंबल के बीहड़ों में डाकुओं के 38 परिवारों को इकट्ठा किया और उन्हें जयपुर बुलाया. उन्होंने सरकार से कहा कि अगर आत्म-समर्पण कर चुके डाकुओं को ‘वन मित्र’ का नाम दिया जाए तो चंबल में जंगल बच सकते हैं. क्योंकि इनके खौफ से लोग चंबल के बीहड़ों में पेड़ नहीं काटते थे. अब लोग बेखौफ होकर पेड़ काट रहे हैं.
जागरूकता के लिए मशहूर हस्तियों के नाम पर लगाते हैं पेड़
विष्णु लांबा ब्रह्माकुमारी संस्थान के साथ मिलकर भी 40 लाख पेड़ लगाने जा रहे हैं. देश के 22 राज्यों और 13 देशों में उनकी संस्था श्री कल्पतरु संस्थान के वालंटियर हैं. केवल राजस्थान में उनके 10 हजार वालंटियर हैं. विष्णु लांबा 2023 में जयपुर इन्वायरमेंट फेस्टिवल कराने जा रहे हैं. जिसमें 196 देशों के प्रतिनिधि आएंगे. विष्णु लांबा के नाम अब तक अनेक चर्चित हस्तियों के नाम पर पेड़ लगाने का रिकॉर्ड है. वे नेता, अभिनेता और डकैतों तक के नाम पर पेड़ लगा चुके हैं. इसके बारे में विष्णु लांबा का कहना है कि किसी मशहूर व्यक्ति के नाम पर अगर पेड़ लग जाता लग जाता है तो उसकी चर्चा दूर-दूर तक हो जाती है. मीडिया और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए ये जरूरी है. वे राजस्थान के हर सांसद, विधायक के साथ पेड़ लगा चुके हैं. उनकी संस्था अब तक 11 लाख पौधे बांट चुकी है. 13 लाख पौधों को कोर्ट में लड़कर बचाया है और 26 लाख पेड़ों को लगाकर बड़ा कर दिया है.
खनन माफिया के खिलाफ लगाई जान की बाजी
विष्णु लांबा की जिंदगी का हर एक क्षण पर्यावरण के लिए समर्पित है. उन्हें मौत का कोई खौफ नहीं है. बनास नदी पर अवैध खनन रोकने के लिए जब विष्णु लांबा ने अभियान चलाया तो उनके ऊपर खनन माफिया ने हमला भी कराया. जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हुए. उनकी जान खतरे में पड़ गई थी. विष्णु लांबा ने क्षिप्रा नदी के तट पर 17 किलोमीटर का ग्रीन बेल्ट बनाने का काम भी हाथ में लिया है. जयपुर की बांडी नदी को बचाने का भी उन्होंने काम किया है. विष्णु लांबा ने 5 करोड़ पेड़ लगाने का संकल्प लिया है. 5 जून 2023 के पहले विष्णु लांबा का एक करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य है. इसे पूरा करने के लिए विष्णु लांबा पूरी तरह तैयार हैं.
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कम से कम चिता की लकड़ी के लिए तो इंसान लगाए पेड़
विष्णु लांबा पर्यावरण की दृष्टि से 100 आदर्श गांव बनाने के लक्ष्य को लेकर भी चल रहे हैं. पर्यावरण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले विष्णु लांबा को राजीव गांधी राष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कार, अमृता देवी बिश्नोई पुरस्कार, ग्रीन आइडल अवार्ड और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्र निर्माण पुरस्कार जैसे करीब 150 सम्मान मिल चुके हैं. विष्णु लांबा का कहना है कि जिस आदमी ने अपने जीवन में पांच पेड़ नहीं लगाए हैं, उसे चिता पर जलने का कोई अधिकार नहीं है. हर इंसान को कम से कम अपनी अर्थी का इंतजाम खुद करना चाहिए. इसके लिए उसे पेड़ जरूर लगाने चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : June 08, 2022, 17:03 IST