(एस. सिंह)
चंडीगढ़. रिश्वत के मामले में पूर्व मंत्री साधू सिंह धर्मसोत की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. पूछताछ में पता चला है कि धर्मसोत ने पेड़ों की कटाई के एवज में रिश्वत के अलावा वन भूमि पर अवैध माइनिंग करवाकर 50 करोड़ का एक और घोटाला भी किया है. गिरफ्तार किए अधिकारी और एक कर्मचारी ने पुछताछ के दौरान कहा है कि जहां वन भूमि से पेड़ कटवाए जाते थे वहां पर करीब 60 फुट तक अवैध माइनिंग भी करवाई जाती थी. सूत्रों के मुताबिक विजिलेंस ने कस्टडी के दौरान धर्मसोत से भी 100 से ज्यादा सवाल किए हैं, जबकि धर्मसोत करीब 60 ही सवालों के जवाब दे पाए हैं. सूत्रों का कहना है कि धर्मसोत ने भी यह माना है कि पेड़ों की कटाई के बाद उन्होंने मोहाली और रोड़ की कई साइट पर माइनिंग की इजाजत दी थी.
साधु सिंह धर्मसोत कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में वन मंत्री थे. कैप्टन अमरिंदर को सीएम पद से हटाने के बाद उन्हें भी वन मंत्री के पद से हटा दिया गया था. जिसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने संगत सिंह गिलजियां को वन मंत्री तैनात किया था. भगवंत मान सरकार ने उनके 111 दिन के कार्यकाल में हुई धांधली की जांच करने के आदेश भी जारी किए हैं.गिलज्जियां पर भी 6 करोड़ से अधिक रिश्वत लेने के आरोप हैं, जांच के बाद उन पर भी अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.विजिलेंस अब इस जांच में जुटी है कि उनके कार्यकाल में नियुक्तियों के बदले कहीं पैसे का लेन-देन तो नहीं हुआ है. विजिलेंस उनके कार्यकाल में हुए सभी कामों की छानबीन कर रही है.
कांग्रेस कर रही है विरोध
पंजाब कांग्रेस ने दोनों पूर्व वन मंत्रियों साधु सिंह धर्मसोत और संगत सिंह गिलजियां के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर सवाल उठाया है. कांग्रेस का कहना है कि यह मामला तथ्यों पर आधारित नहीं है. सरकार ने यह मामला राजनीतिक द्वेष की भावना से दर्ज किया है. कांग्रेस के नेताओं ने साधु सिंह धर्मसोत की गिरफ्तारी का विरोध किया है और इस बारे में सीएम भगवंत मान से भी मुलाकात की है.
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FIRST PUBLISHED : June 09, 2022, 11:28 IST