समस्तीपुर. पूरे देश में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए लाखों कोचिंग संस्थान खुले हुए हैं. लेकिन समस्तीपुर के राजेश कुमार सुमन एक अनोखा कोचिंग संस्थान चला रहे हैं. इस कोचिंग संस्थान में छात्रों को एसएससी, रेलवे, बैंक, दरोगा भर्ती, सिपाही भर्ती सहित सभी वनडे परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है. लेकिन बदले में राजेश कुमार सुमन छात्रों से कोई फीस नहीं लेते हैं. राजेश कुमार सुमन गुरु दक्षिणा के रूप में अपने छात्रों से 18 पौधे लगवाते हैं.
समस्तीपुर के धरहा गांव के राजेश कुमार सुमन ‘ग्रीन पाठशाला बीएसएस क्लब’ चला रहे हैं. इसका उद्देश्य ग्रामीण तबके के हाशिए पर रहने वाले ऐसे बच्चों को नौकरियों की परीक्षाओं की तैयारी कराना है जो बड़े शहरों में नहीं जा सकते हैं. गुरु दक्षिणा में 18 पेड़ ही लगवाने के बारे में राजेश कुमार सुमन ने बताया कि एक अध्ययन हुआ है कि एक मनुष्य अपने जीवन में उतनी ऑक्सीजन ग्रहण करता है, जितनी 18 पौधों से पैदा होती है. इसलिए इंसान को अपने जीवन के लिए जरूरी ऑक्सीजन का प्रबंध करने के लिए अपने जीवन काल में कम से कम 18 पेड़ तो जरूर लगाने चाहिए.
चार जिलों में लगवा चुके सवा लाख पेड़
राजेश कुमार सुमन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा से इतिहास में एमए कर चुके हैं. वे अपनी आजीविका के लिए खेती-बाड़ी सहित कई तरह के दूसरे काम करते हैं. जबकि अपने मिशन के लिए बच्चों को मुफ्त शिक्षा देकर उनसे 18 पेड़ लगवाते हैं. आज तक राजेश कुमार सुमन के प्रयासों से बेगूसराय, खगड़िया, दरभंगा और समस्तीपुर जिलों में सवा लाख पेड़ लग चुके हैं. उन्होंने पर्यावरण को लेकर और भी कई काम किए हैं.
ग्रीन विलेज और कॉर्बन निगेटिव विलेज बनाने की योजना
राजेश कुमार सुमन गांवों को गोद लेकर इको विलेज, ग्रीन विलेज और कॉर्बन निगेटिव विलेज बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं. सबसे पहले उन्होंने गांवों के हर घर के दरवाजे पर आम का पेड़ लगाने का अभियान चलाया. उन्होंने आम का पेड़ बेटियों के नाम से लगाया है. राजेश कुमार सुमन बेटियों से ही पेड़ लगवाते हैं. इस तरह उन्होंने 3 गांवों में हर घर के दरवाजे पर आम का पेड़ लगवा दिया है. वह बच्चों को जन्मदिन पर पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं. वह हर बच्चे के जन्मदिन को ग्रीन बर्थडे के तौर पर मनाने के लिए प्रयासरत हैं.
हर त्योहार बने हरित त्योहार
राजेश कुमार सुमन हर त्योहार को हरित त्योहार बनाने के लिए कोशिश करते हैं. सुमन ने हर त्योहार पर उपहार में पौधे देने का अभियान शुरू किया है. उनकी कोचिंग में अब तक 6000 बच्चे पढ़ाई कर चुके हैं. राजेश कुमार सुमन 2008 से यह कोचिंग संस्थान चला रहे हैं. एक समय में उनके संस्थान में करीब 300 छात्र रहते हैं. आज उनके पढ़ाए करीब 550 बच्चे कई सरकारी सेवाओं में चयनित हो चुके हैं. ये लोग जब छुट्टियों में अपने गांव आते हैं तो पौधे लगवाते हैं. कोई अपनी एक महीने की सैलरी उनको दान करता है. जिससे कि उनका पेड़ लगाने का अभियान आगे चल सके. ये लोग जब छुट्टियों में गांव आते हैं तो दूसरे बच्चों को पढ़ाते हैं और उनको प्रेरणा देते हैं. राजेश कुमार सुमन 26 जनवरी और 15 अगस्त को छात्रों को तिरंगा पौधा भेंट करते हैं.
लड़कियों के लिए शुरू की विशेष क्लास
राजेश कुमार सुमन की ग्रीन पाठशाला रोसड़ा कस्बे में चलती है. रोसड़ा कस्बे में पाठशाला चलाने का मकसद ये है कि वहां कई गांवों से बच्चे पढ़ने आ जाते हैं. राजेश कुमार सुमन ने लड़कियों के लिए विशेष क्लास शुरू की है. क्योंकि गांव में रूढ़िवादिता के कारण लोग शिक्षा के लिए लड़कियों को बाहर भेजना मुनासिब नहीं मानते हैं. उनकी कोचिंग से पढ़ाई करके कई लड़कियों ने भी नौकरियां हासिल की हैं. इससे बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों पर अंकुश लगा है. कई लड़कियां नौकरियों में गई हैं, इसलिए उनकी दहेज रहित शादी हुई है. इसके कारण बाल विवाह भी रुका है.
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पेश किया ‘थिंक ग्लोबली, एक्ट लोकली’ का उदाहरण
राजेश कुमार सुमन के जीवन का एकमात्र लक्ष्य बच्चों को शिक्षित करना और पर्यावरण की रक्षा करना है. राजेश कुमार सुमन ‘थिंक ग्लोबली, एक्ट लोकली’ का एक अनुकरणीय उदाहरण हैं. उनका कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज समस्याओं को रोकने के लिए एकमात्र उपाय पेड़ लगाना है. राजेश कुमार सुमन ने लोगों को शादियों में पौधे उपहार में देने का काम शुरू किया. पहले तो लोगों ने उनको उपेक्षित किया कि शादी के मौके पर पौधे बांटने आ रहे हैं. धीरे-धीरे लोगों को उनके काम का महत्व समझ में आया है. अब कुछ लोग उनको खुद शादी के मौके पर उपहार में पौधे देने के लिए बुलाते हैं. राजेश कुमार सुमन ने ‘ऑक्सीजन बचाओ हरित यात्रा कैंपेन’ भी चलाया है. इसके लिए उन्होंने 57000 किलोमीटर की यात्रा की है. इस यात्रा में वह ट्रेन, बस, साइकिल और पैदल यात्रा कर चुके हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 09, 2022, 08:34 IST