चंदन बंगारी
गूलरभोज. उत्तराखंड के मैदानी इलाकों को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए गूलरभोज में 5 दशक पहले मिट्टी और पत्थरों से बनाए गए बौर जलाशय को लेकर पर्यटन और मत्स्य विभाग आमने-सामने हैं. दरअसल पर्यटन विभाग ने बौर जलाशय को पर्यटन केंद्र बनाने को लेकर तमाम कोशिशें की और कामयाब भी हुआ. वहीं अब मत्स्य विभाग ने एक कंपनी को 10 साल के लिए बौर जलाशय में मछली का ठेका दे दिया. इस साढ़े नौ किलोमीटर लंबे बौर जलाशय में मछली का ठेका दिए जाने से पर्यटन पर प्रभाव पड़ना तय माना जा रहा है और मछली के ठेके का विरोध भी हो रहा है.
प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज बौर जलाशय को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया गया था और सैलानियों को आकर्षित करने से लिए राष्ट्रीय स्तर की कयाकिंग प्रतियोगिताएं आयोजित करने के साथ ही इसे 13 जिले 13 डेस्टिनेशन में शामिल किया गया था. यहां बड़ी संख्या में पर्यटक मोटर बोटों से जलाशय की रोमांचक सैर का लुत्फ लेते हैं. लेकिन मत्स्य विभाग ने बौर और उससे सटे हरिपुरा जलाशय को 10 साल के लिए यूपी की एक कंपनी को ठेके पर दे दिया है, जिसका असर पर्यटन के साथ ही मोटर बोट संचालन पर पड़ने के आसार हैं.
बौर जलाशय को पर्यटन डेस्टिनेशन बनाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले स्थानीय विधायक अरविंद पांडेय के स्वर मछली के ठेके को लेकर बेहद तल्ख हैं. उनका कहना है कि इससे पर्यटन पर बुरा असर पड़ेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के समक्ष पूरा मामला रखा है और पर्यटन हिट में फैसला होने की उम्मीद लगाए हैं.
बौर जलाशय में ढाई साल तक मछली का ठेका बंद रहा था. अब दोबारा मछली का ठेका चालू हुआ तो दोतरफा विवादों में है. एक पर्यटन तो दूसरा ठेके को घाटे के साथ ही 10 साल के लिए देने पर भी सवाल उठ रहे हैं. पिछली बार ये ठेका सालाना 1 करोड़ 15 लाख का था, जो इस बार 38 लाख रुपये सालाना पर दिया गया है. दो लोगों ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
बौर जलाशय में मछली का ठेके लेने वाली कंपनी ने काम शुरू कर दिया है, वहीं बोट संचालक फैसले से हैरान हैं. अंदरखाने दो विभागों के बीच ठन चुका मामला तूल न पकड़े, इसके लिए अफसर मछली के ठेकदार और बोट संचालकों के बीच तालमेल बैठाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन टूरिस्ट डेस्टिनेशन में मछली के ठेके पर सवाल उठ रहे हैं और खुद सत्ता पक्ष के विधायक इस पर मुखर हैं. देखने वाली बात है कि इस मामले का हल मत्स्य और पर्यटन विभाग किस तरह निकालते हैं.
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Tags: Free Tourism, Uttarakhand news
FIRST PUBLISHED : June 07, 2022, 10:10 IST