जयपुर. राजस्थान में इन दिनों बाघों के अस्तित्व पर खतरा (Threat to existence of tigers) मंडरा रहा है. पिछले दो महीने राजस्थान के बाघों के लिए बेहद जानलेवा साबित हुए हैं. इस अवधि में राजस्थान में एक के बाद एक करके सात बाघ और उनके शावक मारे (7 Tigers and cubs died) जा चुके हैं. बाघिन टी-61 की मौत के बाद शुरू हुआ ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक के बाद एक बाघ की मौत होती जा रही है. राजस्थान में लगातार तेजी से बढ़ रहे बाघों की मौत के मामले चिंता को बढ़ा रहे हैं. हालांकि इससे वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है लेकिन वह अपनी नाकामी छिपाने के लिये टाइगर्स की मौत के अजीब-अजीब कारण बता रहा है.
बीते 13 मई को रणथम्भौर में जमादो नाले में बाघिन टी-61 का शव मिला था. बताया जा रहा है बाघिन टी-61 की मौत ऊंचाई से गिरने के कारण हुई. 24 मई को खंडार रेंज में बाघिन टी-69 मादा शावक का शव मिला था. 5 जून को बाघ टी-34 उर्फ कुंभा का शव रणथम्भौर के जोन नंबर 6 में मिला. कुंभा का शव पूरी तरह से सूख चुका था. 16 जून को बाघिन टी-107 के शावक का शव मिला था. उसकी मौत खंडहर की खिड़की में से तालाब में गिरने हुई बताई गई. कहा गया कि उसे बाद में मगरमच्छ खा गए. यह शव 7 दिन पुराना हो चुका था.
बाघिन एसटी-3 सरिस्का के बघानी इलाके में मृत मिली
उसके बाद हाल ही में बाघिन एसटी-3 सरिस्का के बघानी इलाके में मृत मिली. इसके बारे में वन विभाग की ओर कहा गया कि वह 15 दिन से बीमार थी. इस पर बाघ विशेषज्ञ सवाल उठा रहे है कि अगर ऐसा था तो 15 दिन से बाघिन का इलाज क्यों नहीं किया गया? इन सब घटनाओं से वन विभाग की मॉनिटरिंग और ट्रेकिंग सवालों के घेरे में आ गई है.
टी-39 नूर के दो शावक एक महीने से गायब हैं
रणथम्भौर की बाघिन टी-39 नूर के दो शावक एक महीने से गायब हैं. 19 अप्रैल को बाघिन नूर ने इन शावकों को जन्म दिया था. उनकी तलाश करने में वन विभाग पूरी तरह से नाकाम रहा है. इसके बाद बाघिन टी-39 बाघ टी-101 के साथ मेटिंग करती हुई दिखाई दी थी. उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि नूर के शावकों की मौत हो गई है.
2021 में रणथम्भौर में बाघ टी-65 की अचानक मौत हो गई थी
उल्लेखनीय है कि साल 2021 में रणथम्भौर में बाघ टी-65 की अचानक मौत हो गई थी. उसके बाद युवा बाघिन टी-103 और टी-60 के शावकों के शव मिले थे. उसके बाद लगा था शायद इस साल बाघों की मौत के मामले में कम होंगे. लेकिन रणथम्भौर में इस बार बाघ टी-34, बाघिन टी- 61, बाघिन टी-69 के मादा शावक, बाघिन टी-39 के दो शावक और बाघिन टी-107 के शावक की मौत हो चुकी है. जबकि सरिस्का में भी बहुचर्चित रह चुकी बाघिन मछली की बेटी एसटी-3 की मौत का मामला सामने आ गया है.
मौत के कारण भी काफी अजीब बताये जा रहे हैं
इन बाघों की मौत के कारण भी काफी अजीब बताये जा रहे हैं. बाघ टी-35 की मौत के काफी दिनों बाद उसका शव बरामद हुआ था. बाघिन टी-61 के बारे में बताया गया कि बाघिन ऊंचाई से गिरने से मर गई. जबकि जंगल में बाघ को सबसे अच्छा क्लाइंबर माना जाता है. उसके गिरने के मामले कभी सामने नहीं आये. शावकों की मौत के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 22, 2022, 16:05 IST