नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करने के किसी प्रयास को कभी स्वीकार नहीं करेगा तथा स्थापित समझ से परे किसी रुख पर वैसी ही प्रतिक्रिया मिलेगी. जयशंकर की यह प्रतिक्रिया पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध लम्बा खिंचने की पृष्ठभूमि में आई है. ‘मोदी सरकार के आठ वर्ष : विदेशी सम्पर्क में बदलाव’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में विदेशी राजनयिकों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने सुरक्षा चुनौतियों से निपटने को लेकर भारत के सम्पूर्ण रुख का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, “हम इतिहास की झिझक से बाहर निकल आए हैं और हम किसी को भी अपने विकल्पों को वीटो करने की अनुमति नहीं देंगे.”
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में शामिल होने, वैश्विक हितों के खिलाफ राजनीतिक बाधाओं से पार पाने को लेकर आशान्वित है. जयशंकर की इन टिप्पणियों को चीन के संदर्भ में देखा जा रहा है. आतंकवाद का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि कूटनीति ने इस चुनौती से निपटने में काफी योगदान किया है, जो आतंकवाद को समर्थन देने से इंकार के रूप में सामने आया है. उन्होंने कहा, “हमारी सीमाओं की सुरक्षा जरूरी है और हम यथास्थिति में एकतरफा तरीके से बदलाव करने के प्रयास को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. एक ऐसा रुख जो स्थापित समझ से परे होगा, उसे वैसी ही प्रतिक्रिया मिलेगी.”
‘सुरक्षा के मुद्दे पर अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर करेंगे काम’
विदेश मंत्री ने कहा, “जहां तक सुरक्षा की बात आती है, हम अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर काम करेंगे.” उन्होंने कहा, “हम अपने विश्वसनीय सहयोगियों की भूमिका को मानते हैं जो हमारे साथ भारत को हर दिन सुरक्षित बनाने में मदद कर रहे हैं.” जयशंकर ने इस दौरान आत्मनिर्भर भारत का उल्लेख करते हुए कहा, “हम भारत में निर्माण करना चाहते हैं, लेकिन हम दुनिया के साथ और दुनिया के लिये भी निर्माण करना चाहते हैं.” उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति खुली सोच और व्यवहारिकता पर आधारित ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के सूत्र पर आधारित है तथा जटिल मुद्दों के समाधान के लिये इसमें ‘सबका प्रयास’ के तत्व भी समाहित हैं.
जयशंकर ने किया भारत की विदेश नीति का जिक्र
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की कूटनीति अहम आर्थिक मुद्दों एवं ऊर्जा स्रोतों पर प्रभावी क्षेत्रीय ताकतों एवं महत्वपूर्ण शक्तियों पर केंद्रित रही है. उन्होंने कहा, “हमने इसे खुली सोच और व्यावहारिकता पर आधारित ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के सूत्र पर आगे बढ़ाया है.” जयशंकर ने कहा, “हम समझते हैं कि वृह्द जटिल मुद्दों के समाधान के लिये इसमें ‘सबका प्रयास’ का तत्व भी समाहित है.” उन्होंने कहा, “हमारे कई कदम विकास के लिये कूटनीति के महत्व को प्रदर्शित करते हैं, जहां विदेशी प्रौद्योगिकी, पूंजी, श्रेष्ठ चलन और गठजोड़ प्रत्यक्ष तौर पर हमारी राष्ट्रीय वृद्धि को गति प्रदान करने से जुड़े हैं. ये हमारे महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों एवं पहल के जरिये संभव हुए हैं.”
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Tags: China, Ladakh, Narendra modi, S Jaishankar
FIRST PUBLISHED : June 08, 2022, 05:30 IST