- केस से नाम हटाने के एवज में हेड कॉन्स्टेबल मांग रहा था रिश्वत, सहयोगी के साथ रिश्वत लेते लोकायुक्त ने पकड़ा..।
मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ रही है लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोर बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के धार जिले का है जहां एक हेड कॉन्स्टेबल और उसके सहयोगी को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने रंगेहाथों पकड़ा है।
धार जिले के राजौंद पुलिस थाने के हेड कॉन्स्टेबल बनेसिंह परमार और उसके सहयोगी भारत डामर को इंदौर लोकायुक्त की टीम ने शुक्रवार को 22 हजार 500 रूपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। रिश्वतखोर हेड कॉन्स्टेबल बनेसिंह ने सरदापुर तहसील के झिंझापाड़ा गांव के रहने वाले नानूराम ओसारी नाम के शख्स से केस से नाम हटाने के एवज में 50 हजार रूपये की रिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत फरियादी नानूराम ने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में की थी।
लोकायुक्त ने शिकायत की जांच की और शिकायत सही पाए जाने पर रिश्वत की पहली किस्त 22 हजार 500 रूपये लेकर फरियादी नानूराम को रिश्वतखोर प्रधान आरक्षक बनेसिंह के पास भेजा। बनेसिंह ने खुद रिश्वत न लेते हुए अपने सहयोगी भारत डामर को रिश्वत के पैसे लेने के लिए भेजा जिसे रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने रंगेहाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त ने प्रधान आरक्षक बने सिंह व उसके सहयोगी भारत डामर दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की है।