- Protests Against Waqf Amendment Act: विपक्ष का आरोप है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का हनन है और इसका मकसद वक्फ संपत्तियों को सरकारी नियंत्रण में लेना है. सरकार इसे वक्फ की हिमायत के तौर पर पेश कर रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह विधेयक सरकार द्वारा वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा करने की एक साजिश है. इससे वक्फ को कोई लाभ नहीं होने वाला है.
संसद के दोनों सदनों से वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 (Waqf (Amendment) Act, 2025) के पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इसे मंजूरी दे दी है. वक्फ कानून में संशोधन पूरे देश में प्रभावी हो चुके हैं. इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी होने के साथ ही वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम भी बदलकर यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (उम्मीद) अधिनियम, 1995 हो गया है. जबकि विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस विधेयक को लेकर विरोध प्रदर्शन भी कर रही है. वहीं रतलाम में कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्वजिय सिंह को गद्दार बताते हुए शहर में पोस्टर लगाए गए हैं.
क्या मामला?
भारतीय जनता पार्टी जहां एक ओर इस बिल को पास करा चुकी है और मुस्लिमों के हित का बता रही है. वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध करती नजर आ रही हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश के रतलाम में देर रात दिग्विजय सिंह के होर्डिंग लगाए गए. होर्डिंग पर दिग्विजय को लेकर लिखा गया कि वक्फ बिल का विरोध करने वाले दिग्विजय सिंह वतन के, धर्म के और पूर्वजों के गद्दार हैं. बताया जा रहा है कि यह होर्डिंग भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा लगाए गए हैं. दिग्विजय को लेकर यह पोस्टर वार कहां तक जाएगी और मध्यप्रदेश कांग्रेस इसे कितना मजबूती से उठाएगी यह देखना होगा.
भोपाल में भी हुआ बिल का विरोध
वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में गुरुवार को भोपाल में सांकेतिक प्रदर्शन किया गया. सेंट्रल लाइब्रेरी ग्राउंड पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर आयोजित प्रदर्शन में जामीयत उलमा के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून सहित मुस्लिम समाज के कई प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैनर तले हुए इस विरोध-प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे और केंद्र सरकार से वक्फ कानून में संशोधनों को वापस लेने की मांग की. प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा. प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. प्रदर्शन में शामिल नेताओं का कहना है कि अगर सरकार ने यह विधेयक वापस नहीं लिया तो आने वाले समय में पूरे देश में बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.
प्रदर्शन में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद भी सक्रिय रूप से शामिल हुए और उन्होंने इस विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश पर थोपा गया है. यह मामला बेहद गंभीर है. कुछ लोग इस पर कुछ भी बोल रहे हैं. हम पहले भी इसका विरोध कर चुके हैं और आज भी इस विधेयक को पूरी तरह खारिज करते हैं. हम इस कानून को मानने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं.