- सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बड़ा झटका. एजेएल की संपत्ति ईडी करेगी जब्त. स्वामी ने दायर की थी याचिका.
नई दिल्ली : नेशनल हेराल्ड केस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने एसोसिएडेट जर्नल्स लि. की अटैच की गई संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए ईडी ने दिल्ली, लखनऊ और मुंबई के संबंधित प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को नोटिस भेजे हैं. नोटिस 11 अप्रैल 2025 को भेजा गया. ईडी ने नोटिस में इसका भी उल्लेख किया है कि इन भवनों में जो भी किराए पर हैं, उन्हें ईडी को किराया सौंपना होगा.
ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने शुक्रवार को दिल्ली के आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस, मुंबई के बांद्रा इलाके और लखनऊ के बिशेश्वर नाथ रोड स्थित एजेएल भवन में ये नोटिस चिपकाए हैं.
क्या है पूरा मामला, समझें
1937-38 में द एसोसिएटेड जर्नल लि. नाम से एक कंपनी बनाई गई थी. इस कंपनी में निवेशकों की संख्या हजारों में थी. इनमें से एक निवेशक जवाहर लाल नेहरू थे. अधिकांश निवेशक कांग्रेस कार्यकर्ता थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इनकी संख्या पांच हजार के करीब थी.
एजेएल ने कांग्रेस पार्टी से लिया लोन
इस कंपनी ने तीन अखबारों का प्रकाशन शुरू किया था. नेशनल हेराल्ड (अंग्रेजी में), नवजीवन (हिंदी) और कौमी आवाज(ऊर्दू में). कंपनी के प्रबंधन ने बताया कि द एसोसिएटेड जर्नल लि. लगातार घाटे में जा रही है. कंपनी ने 2008 में प्रकाशन बंद कर दिया. उस समय उस पर 90 करोड़ रु. का कर्ज था. एजेएल ने कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन मांगा, ताकि वह हिसाब-किताब कर सके. कंपनी को कांग्रेस पार्टी लोने देने के लिए तैयार हो गई. पार्टी ने 90 करोड़ रुपये बतौर लोन दिए.
यंग इंडिया नाम से बनी नई कंपनी
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को लोन देने का अधिकार नहीं होता है, फिर भी पार्टी ने ऐसा किया. इसके बाद यूपीए की सरकार के समय में 2010 में एक कंपनी बनाई गई. इसका नाम यंग इंडिया लि. रखा गया. इस कंपनी की 76 फीसदी हिस्सेदारी राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास थी. बाकी के शेयर धारकों में मोतीलाल बोरा, ऑस्कर फर्नांडिज और सुमन दूबे प्रमुख थे.
50 लाख रुपये में हासिल कर ली हजारों करोड़ की जमीन
सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि यंग इंडिया लि. ने मात्र 50 लाख रुपये देकर एजेएल लि. की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया. उनके अनुसार यंग इंडिया लि. ने 1,000 से ज़्यादा शेयरधारक और 2,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की प्राइम रियल एस्टेट वाली कंपनी एजेएल को सिर्फ 50 लाख रुपये में अपने कब्ज़े में ले लिया.
स्वामी ने सोनिया, राहुल और अन्य पर 90.25 करोड़ रुपये का कर्ज वसूलने का अधिकार हासिल करके धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया, जो एजेएल पर मूल रूप से कांग्रेस का बकाया था. द एसोसिएटेड जर्नल लि. ने इतने दिनों में जितनी भी संपत्ति अर्जित की थी, वह भी यंग इंडिया के पास आ गई. जर्नल के पास कई जगहों पर कीमती जमीन है. इनकी कीमतें काफी अधिक हैं.
‘एजेएल की संपत्ति सोनिया और राहुल के पास’
सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया लि. ने मात्र 50 लाख चुकता कर द एसोसिएटेड जर्नल के हजारों करोड़ की संपत्ति अपने नाम कर ली है, जो सीधे-सीधे भ्रष्टाचार को दर्शाता है. स्वामी ने 2012 में इस मामले की शिकायत की थी. उन्होंने कहा कि 50 लाख रु. में हजारों करोड़ की संपत्ति हासिल करना भ्रष्टाचार का मामला है.
कांग्रेस पार्टी का स्टैंड है कुछ ऐसा
कांग्रेस ने कहा है कि यंग इंडिया लि. का गठन ‘दान के उद्देश्य से’ किया गया था, न कि लाभ के लिए. पार्टी ने कहा कि भाजपा ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ की भावना से आरोप लगा रही है.
यह करप्शन का मामला नहीं- चिदंबरम
हालांकि, इस मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम की राय कुछ अलग है. उन्होंने कहा कि धनशोधन के अपराध में ‘धन’ और ‘धन शोधन’ होना चाहिए. उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में कर्ज को हिस्सेदारी में बदला गया है और उधार देने वाले बैंक नियमित आधार पर ऐसा करते हैं. चिदबंरम ने कहा कि इस मामले में पैसे का कोई लेन-देन नहीं हुआ है, इसलिए इसे धनशोधन का मामला नहीं कहा जाना चाहिए.
पी. चिदंबरम ने दलील दी, “यह एक व्यक्ति पर ‘बटुआ छीनने’ के अपराध का आरोप लगाने जैसा है, जबकि कोई बटुआ था ही नहीं और छीना भी नहीं गया.”
एक नजर केस पर
- 2014 : 26 जून को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने गांधी परिवार सहित मामले के सभी आरोपियों को तलब किया.
- 2014 : अगस्त में प्रवर्तन निदेशालय ने धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के आरोपों की प्रारंभिक जांच शुरू की.
- 2015: सितंबर में ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले की जांच फिर से शुरू की. दिसंबर में सोनिया और राहुल गांधी को पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत दे दी.
- 2016 : सर्वोच्च न्यायालय ने मामले के सभी पांच आरोपियों – सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे को अदालत में पेश होने से छूट दी, लेकिन उनके खिलाफ कार्यवाही रद्द नहीं की.
- 2017 : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग को मामले में कथित धन के दुरुपयोग की जांच करने की अनुमति दी.
- 2018 : केंद्र ने एजेएल को हेराल्ड हाउस परिसर खाली करने का निर्देश दिया.
- 2019 : सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम, 1971 के तहत एजेएल के खिलाफ कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक लगाने का आदेश दिया.
- 2019 : ईडी ने पीएमएलए के तहत गुरुग्राम में 64.93 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह एजेएल को अवैध रूप से आवंटित की गई थी.
- 2020 : कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को फिर से दिल्ली की अदालत में ले जाया गया, जब सुब्रमण्यम स्वामी ने उन पर नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया.
- 2021 : दिल्ली उच्च न्यायालय ने गांधी परिवार, एआईसीसी महासचिव ऑस्कर फर्नांडीस (अब दिवंगत), सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और वाईआई को नोटिस जारी किया और स्वामी की याचिका पर उनका जवाब मांगा और मामले की कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी.
- 2022 : अप्रैल में, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से ईडी ने मामले में पूछताछ की. 1 जून को ईडी ने अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में तलब किया.
- 2022: जुलाई में तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी भूमिका को लेकर ईडी ने एक हफ्ते में तीन बार पूछताछ की. सोनिया से तीन दिनों में 11 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई, जिसके दौरान उन्हें लगभग 100 सवालों के जवाब देने थे.
- 2023: ईडी ने ₹751.9 करोड़ से अधिक की संपत्ति (₹661 करोड़ अचल संपत्ति और ₹90 करोड़ के शेयर) को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि AJL की सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति का नियंत्रण यंग इंडिया लि. के लाभकारी मालिकों सोनिया गांधी और राहुल गांधी को देने के लिए आपराधिक साजिश रची गई थी.
- 2024: पीएमएलए न्यायाधिकरण ने कांग्रेस के एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडिया से जुड़ी 751 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की कुर्की को बरकरार रखा, जिससे पार्टी नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी प्रभावित हुए.
- 2025: दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रस्तुतियां पर संक्षिप्त नोट दाखिल करने के लिए और समय दिया.