- पीके साव को बुधवार को पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में लिया था। अब तक की जानकारी के मुताबिक, घटना वाले दिन साव की तबीयत खराब थी। वे एक पेड़ के नीचे बैठ गए और सो गए। तभी पाक रेंजर्स आए और पकड़ कर ले गए।
गलती से सीमा पार करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान को पाकिस्तान ने अब तक नहीं लौटाया है। इसके बाद न केवल जवान के परिवार, बल्कि परिवार की भी चिंता बढ़ गई है। परिवार ने मोदी सरकार से अपील कर बीएसएफ में हेड कांस्टेबल पीके साव को रिहा कराने की मांग की है।
जवान को रिहा कराने की मांग लेकर बीएसएफ के अधिकारी पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ तीन फ्लैग मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान अड़ा है। इससे पहले शुक्रवार को पाकिस्तान ने जवाब की तस्वीरें साझा की।

कौन हैं पाकिस्तान की गिरफ्त में बीएसएफ जवान पीके साव… क्यों बड़ा हो सकता है मुद्दा
- बीएसएफ में हेड कांस्टेबल पीके साव मूल रूप से पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिसड़ा के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनकी ड्यूटी पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में लगी थी। घटना वाले दिन वे किसानों के साथ ड्यूटी पर थे।
- पीके साव को पाकिस्तान द्वारा पकड़े जाने की सूचना के बाद उनके परिवार की हालत खराब है। पिता भोलानाथ साव ने सरकार से किसी भी तरह बेटे को तुरंत भारत वापस लाने की मदद की।
- परिवार यह भी जानना चाहता है कि जवान अभी कहां है और किस स्थिति में है। 40 वर्षीय जवान की पत्नी रजनी साव ने भी रोते हुए केंद्र सरकार से अपने पति की शीघ्र व सुरक्षित रिहाई की अपील की।
पहलगाम आतंकी हमले पर आखिरी पर हुई थी बात: पत्नी
पत्नी रजनी ने बताया कि उनकी पति से आखिरी बार फोन पर मंगलवार रात बात हुई थी। दोनों ने पहलगाम आतंकी हमले पर बात की थी। अगले दिन सुबह खबर आई कि साव को पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ लिया है।
रजनी ने कहा कि उनके पति 17 साल से देश सेवा में हैं। उनकी केंद्र सरकार से एक ही विनती है कि किसी भी तरह उनके पति को जल्द व सुरक्षित देश वापस लाया जाए। साव दंपती का एक सात साल का बच्चा है। साव पिछले महीने छुट्टियों में घर आए थे। 31 मार्च को ही वे वापस ड्यूटी पर लौटे थे।
वहीं बीएसएफ जवान के भाई राजेश्वर साव के मुताबिक, हमें बताया गया है कि रिहाई के लिए बातचीत चल रही है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार सभी प्रयास कर रही हैं। हमें उनकी सुरक्षित वापसी की उम्मीद है।
पहलगाम हमने ने बना दिया रिहाई को मुश्किल
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, आमतौर पर ऐसे मामले बिना किसी तनाव से सुलझा लिए जाते हैं, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के कारण मुश्किल हो रही है। एक तरह से पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर जवान को भारत के खिलाफ हथियार बनाकर रखना चाहते हैं।