( संवाददाता अविनाश तायवाड़े )
- मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक 11 वर्षीय बच्ची की मौत एक झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज के कारण हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि मुलताई के झोलाछाप डॉक्टर बख्शी के इलाज से बच्ची की जान गई है. सरकारी अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों ने बताया कि यदि समय पर उचित इलाज मिलता तो बच्ची की जान बचाई जा सकती थी.
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक बार फिर झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से मासूम बच्ची की जान चली गई. बच्ची के परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर पर यह गंभीर आरोप लगाए हैं.
दअरसल, तीन दिनों पहले मुलताई थाना क्षेत्र के खम्बारा गांव निवासी रुचि पवार को उल्टी दस्त की शिकायत के बाद परिजन मुलताई के झोलाछाप डॉक्टर बख्शी के पास इलाज के लिए लाए थे. तीन दिन तक एक झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने के बाद जब रुचि की हालत लगातार बिगड़ने लगी तो परिजन उसे मुलताई के शासकीय अस्पताल लेकर पहुंचे.
बच सकती थी बच्ची की जान
सरकारी अस्पताल में पदस्थ डॉ. पंचम सिंह के अनुसार, बच्ची को गंभीर डिहाइड्रेशन था, उसका बीपी और पल्स नहीं मिल रहा था. डॉक्टरों की कोशिशों के बावजूद बच्ची ने दम तोड़ दिया. बीएमओ का कहना है कि यदि समय पर उचित इला
पोस्टमार्टम कराने से परिजनों का इनकार
मामला संदिग्ध होने के बावजूद भी बच्ची के शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाया गया है. अस्पताल प्रशासन ने शव का पोस्टमार्टम कराने की कोशिश की पर परिजनों ने इनकार कर दिया. बीएमओ जरूर मामले की जांच करवाने की बात कह रहे हैं.