- Saurabh Murder Case: सौरभ राजपूत का शव जब अपने घर पहुंचा तो परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन अपने लाडले का चेहरा अंतिम बार भी नहीं देख पाए।
जो कल तक पूरे परिवार का लाडला था, आज अंतिम समय में परिवार उसका चेहरा भी नहीं देख पाया। मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड के बाद जब सौरभ का शव उसके घर पहुंचा तो चीख पुकार मच गई। लाडले सौरभ का चेहरा देखने के लिए मां और बहन गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया
ड्रम काटकर निकाला गया शव
दरअसल, मुस्कान और साहिल ने सौरभ की हत्या कर उसके शव को एक ड्रम में डाल दिया था, जिसके ऊपर सीमेंट का घोल डाल दिया। पोस्टमार्टम करने के लिए ड्रम को काटकर और सीमेंट को तोड़कर लाश के टुकड़े बाहर निकाले गए। शव बेहद बुरी अवस्था में था।
प्लास्टिक के कफन में सौंपा शव
शव का पोस्टमार्टम करीब 2 घंटे तक चला और फिर शव को उसे प्लास्टिक के कफन में पैक कर परिजनों को सौंप दिया। HT की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के कुछ बिंदुओं पर बातचीत करते हुए बताया कि शव पूरी तरह डी- कंपोज्ड हो गई थी। त्वचा पूरी तरह से हट गई थी। शरीर पर पपड़ी जमी थी।
चेहरा देखने को तरसे मां-बहन
शव के घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। वहां मौजूद हर व्यक्ति सौरभ के चेहरे को ढूंढ रहा था। मां और बहन सौरभ के शव से लिपटकर बुरी तरह रोने लगी। वह बस सौरभ की शक्ल आखिरी बार देखना चाहती थीं। शव के बुरी स्थिति में होने की वजह से सभी ने चेहरा दिखाने से मना कर दिया। परिजन शव लेकर सीधे सूरजकुंड श्मशान घाट पहुंचे, जहां सौरभ को परिवार ने अंतिम विदाई दी।
इन धाराओं में मुकदमा दर्ज
ब्रह्मपुरी थाने में सौरभ के भाई राहुल उर्फ बबलू निवासी इंदिरानगर 198-3 की तहरीर पर पुलिस ने मुस्कान और साहिल पर हत्या और साक्ष्य मिटाने का मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा अपराध संख्या 107/2025 है और इसमें बीएनएस की हत्या की धारा 103(1) और साक्ष्य मिटाने की धारा 238 के तहत कार्रवाई की गई है।
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