- शहडोल जिले के कुशाभाऊ ठाकरे सरकारी जिला अस्पताल में मरीजों को सोनोग्राफी की जांच के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है. हमारे सहयोगी विनय तिवारी ने शहडोल के जिला अस्पताल के सोनोग्राफी सेंटर पहुंचकर वहां जांच कराने आये मरीजों से बात की. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.
Shahdol News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शहडोल जिले के कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल (Kushabhau Thakre District Hospital) में मरीजों को सोनोग्राफी (Sonography Test) का टेस्ट कराने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है. सोनोग्राफी के टेस्ट के लिए मरीजों को सात दिन से लेकर एक महीने तक की वेटिंग दे दी जाती है, जिसके चलते गरीब मरीजों को काफी परेशानी होती है. इतने दिनों बाद सोनोग्राफी होने पर मरीज के इलाज में भी देरी और काफी परेशानी होती है. मजबूरन गरीब मरीजों को बाहर हजारों रुपये खर्च कर निजी सोनोग्राफी सेंटर से जांच करानी पड़ती है.
40-50 लोगों पर एक रेडियोलाजिस्ट
जिला अस्पताल में मात्र एक ही रेडियोलॉजिस्ट है. दिन भर में 40 से 50 लोगों की जांच हो पाती है. जिसके चलते सोनोग्राफी सेंटर में मरीज महीनों वेटिंग कर इंतजार करते है. शहडोल संभागीय मुख्यालय होने के कारण यहां बड़ी संख्या में ग्रामीण इलाकों और आदिवासी अंचल के मरीज आते है. लेकिन, उन्हें जांच की जगह केवल वेट करना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी इमरजेंसी के मरीजों को होती है. मजबूरन उन्हें बाहर से पैसे खर्च करके सोनोग्राफी करानी पड़ती है.
सिविल सर्जन ने कही ये बात
इस मामले में जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉक्टर शिल्पी सराफ का कहना है कि जल्द ही एक अन्य रेडियोलॉजिस्ट की व्यवस्था मेटरनिटी विभाग में कई जा रही है, जिससे मरीजों की जल्द जांच हो सकेगी.