जबलपुर में पिछले दिनों हुए 47 करोड़ रुपए के धान फर्जीवाड़े की आंच धीमी भी नहीं पड़ी थी कि आठ जिलों में धान और चावल में बड़े पैमाने पर हेराफेरी का खुलासा हुआ है।
सिवनी जिले में धान उपार्जन में फर्जीवाड़े(Paddy Scam) का बदनुमा दाग पूरे महाकौशल में फैलता जा रहा है। जबलपुर में पिछले दिनों हुए 47 करोड़ रुपए के धान फर्जीवाड़े की आंच धीमी भी नहीं पड़ी थी कि आठ जिलों में धान और चावल में बड़े पैमाने पर हेराफेरी का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) 8 जिलों की 38 समितियों के 145 लोगों पर एफआइआर दर्ज की है।
50 हजार क्विंटल धान का फर्जीवाड़ा
ईओडब्ल्यू(EOW) की रिपोर्ट के अनुसार बालाघाट, सतना, सीधी, मैहर, डिंडोरी, सागर, पन्ना और सिवनी में करीब 50 हजार क्विंटल धान का फर्जीवाड़ा(Dhan Ghotala) किया गया। कई सहकारी समितियों और राइस मिलों ने धान और चावल की हेराफेरी कर उसे दूसरे राज्यों में बेच दिया। सरकारी रिकॉर्ड में धान की मात्रा अधिक दिखाई गई, लेकिन गोदामों की जांच में करीब 50 हजार क्विंटल स्टॉक कम मिला।
सबसे बड़ी कार्रवाई
घोटाले(Dhan Ghotala) के मामले में सबसे बड़ी कार्रवाई सिवनी में की गई है। यहां ईओडब्ल्यू की टीम ने मंगलवार को शंकुतला देवी राइस मिल पर छापा मारा। जांच में ढेरों अनियमितताएं की पुष्टि होने के बाद मिल को सील कर दिया गया है। जांच टीम के अनुसार वर्ष 2024-25 के लिए मिलिंग हेतु 3184 क्विंटल धान कम पाया गया।
यहां भी कार्रवाई जारी
● बालाघाट में कई सहकारी समितियों में घोटाले की पुष्टि
● सतना की सहकारी संस्था दलदल पर कार्रवाई
● सागर की छिरारी समिति में गड़बड़ी मिली
● पन्ना, मैहर, डिंडोरी, सिवनी और सिधी जिले की कई समितियों में भी हेराफेरी
यहां हो चुकी कार्रवाई
इससे पहले ईओडब्ल्यू की 25 टीमों ने 12 जिलों की 150 उपार्जन समितियों व वेयर हाउस में छापे की कार्रवाई कर लगभग 20 हजार क्विंटल धान का फर्जीवाड़ा उजागर किया था। जिसमें 74 आरोपियों पर एफआइआर दर्ज की गई।