पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए सुशील नथानियल का शव बुधवार रात 9.15 बजे एमपी में इंदौर शहर के वीणा नगर पहुंचा। इससे पहले ही वीणा नगर की हर गली में इंदौर उमड़ पड़ा था। जैसे ही एंबुलेंस का सायरन बजा, हर शस इंदौर को आतंकियों के दिए जम के मातम में डूब गया। हर आंख से दु:ख और गुस्से में आंसू बह रहे थे। ऐसा लग रहा था, जैसे हर आंसू पाकिस्तान से हिसाब मांग रहा था। पाकिस्तान मुर्दाबाद तो कई बार गूंजा।
4 हमलावर थे, 15 – 15 साल थी उम्र
आतंकियों ने सुशील की बेटी पर भी गोली चलाई, जो उनके पांव में लगी है। सुशील ने अपनी पत्नी को छिपा दिया था और खुद आतंकियों के सामने खड़े हुए। आतंकी हमले पर मृतक सुशील के बेटे ऑस्टिन का बड़ा बयान सामने आया है।
ऑस्टिन ने बताया कि आतंकी गोली मारने के बाद सेल्फी ले रहे थे। वे अपने सिर पर कैमरा लगाकर भी आए थे। वे सबसे पूछ रहे थे कि…मुस्लिम मुस्लिम ? और अगर कोई मुस्लिम होने का दावा भी कर रहा था तो उससे कलमा पढ़वा रहे थे। कलमा पढ़ने के बाद भी नीचे के कपड़े उतरवाकर चेक कर रहे थे।
आतंकी सभी से नाम और धर्म पूछ-पूछकर गोली मार रहे थे। आतंकियों ने मेरे सामने 6 लोगों को गोली मारी थी। ऑस्टिन ने बताया कि चार हमलावर थे। उन सभी की उम्र लगभग 15 – 15 साल थी। मेरे पिता सुशील से भी कलमा पढ़वाया था।

आंसुओं की धार नहीं रूकी
सुशील के घर में ताबूत खोला गया तो बुआ बिलख पड़ीं। बाद में परिजन ने सफेद कपड़े में लिपटे शव को मर्चूरी में रखा। शव को देखते ही बुआ जूली के मुंह से एक ही शब्द निकल रहा था..मेरे बेटे तूने अपनी बुआ को छोड़ दिया…। आसपास के लोग परिजन को ढांढस बंधाने का प्रयास करते रहे, लेकिन आंसुओं की धार नहीं रूक रही थी।
मालूम हो, सुशील की मंगलवार को आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रद्धांजलि दी और परिवार को ढांढस बंधाया।