सीमा पार पर सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है. सभी जवान हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद आज 25 अप्रैल को सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर पहुंच चुके हैं. रक्षा अधिकारियों के अनुसार, सेना प्रमुख को 15 कोर प्रमुख और राष्ट्रीय राइफल्स के प्रमुखों सहित वरिष्ठ सैन्य कमांडरों द्वारा जानकारी दी जा रही है. जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक आर्मी चीफ पहलगाम में जहां हमला हुआ था, वहां भी जाकर हालात का जायजा लेंगे.
बता दें, आतंकी संगठन टीआरएफ के आतंकियों ने मंगलवार को पहलगाम के बैसरन मैदान में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. इससे पहले 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक था जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे. इस घटना से देश भर में आक्रोश फैल गया है और व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं, पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की जा रही है.
केंद्र की मोदी सरकार ने आतंकवादी हमले के बाद कई कूटनीतिक फैसले लिए, जिसमें अटारी-बाघा बॉर्डर को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना शामिल है. इसके साथ-साथ भारत ने पहलगाम हमले के बाद 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को भी रोक दिया.
इससे पहले मोदी सरकार ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी दलों के नेता शामिल हुए. इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी विपक्षी दलों को केंद्र के फैसले के बारे में जानकारी दी. वहीं, बैठक में शामिल हुए सभी दलों के नेताओं ने एक सुर में कहा कि वे ऐसे हालात में देश की सरकार के साथ हैं. सरकार जो भी फैसला लेगी उसको पूरा समर्थन देंगे. वहीं, केंद्र ने सुरक्षा चूक की खामी को भी माना.
आज का दिन भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक होनी है, जिसमें कई बड़े फैसले लेने की संभावना जताई गई है.