सिवनी जिले के करनपुर के प्रभारी प्राचार्य की मौत के लिए शिक्षकों ने झूठी शिकायत करने वालों को जिम्मेदार ठहराया है.
सिवनी : सिवनी जिले के शासकीय हाई स्कूल करनपुर के प्रभारी प्राचार्य मोहन लाल साहू की मौत ने शिक्षा जगत को झकझोर कर रख दिया है. पीड़ित परिजनों और शिक्षक संगठनों का आरोप है “मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 पर की गई झूठी शिकायतों की वजह से मानसिक तनाव के कारण प्रभारी प्राचार्य को हार्ट अटैक हुआ, जिससे उनकी मौत हो गई.”
शिक्षकों का आरोप- झूठी शिकायतों से परेशान थे प्रभारी प्राचार्य
मामले के अनुसार प्रभारी प्राचार्य मोहन लाल साहू के खिलाफ एक शिकायतकर्ता ने 181 हेल्पलाइन पर कई बार शिकायतें दर्ज करवाईं. आरोप है “शिकायतों की जांच के दौरान प्रभारी प्राचार्य पर मानसिक दबाव बनाया गया.” परिजनों और शिक्षकों का कहना है “ये शिकायतें झूठी थी. शिकायतों को बंद कराने के लिए शिकायतकर्ता द्वारा रुपयों की की मांग की जा रही थी.” शिक्षक संगठन का कहना है “कुछ लोग 181 का दुरुपयोग कर सरकारी कर्मचारियों से पैसे ऐंठने का काम करते हैं.”

झूठी शिकायतें रोकने के लिए कानून बने
प्रभारी शिक्षक मोहन लाल साहू की मौत के बाद कार्रवाई की मांग को लेकर शिक्षकों के साथ परिजनों ने थाना लखनादौन पहुंचकर शिकायतकर्ता के खिलाफ जांच की मांग की. थाना प्रभारी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया. मांग की गई है “फर्जी शिकायतों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. झूठी शिकायतें पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाए.” शिक्षक संघ के हलधर शर्मा का कहना है “सरकारी कर्मचारियों को मानसिक प्रताड़ना से बचाने के लिए सख्त कानून बनाए जाए. अगर 181 जैसी हेल्पलाइन का दुरुपयोग होता रहा तो कई और जिंदगियां दांव पर लग सकती हैं.” वहीं, लखनादौन थाना प्रभारी के.पी धुर्वे का कहना है “मामले की जांच की जाएगी.”
