आशीष जवखेड़कर
अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया फिलहाल धीमी गति से चल रही है, क्योंकि मुख्यमंत्री ने कुछ समय पूर्व निर्देश दिए थे कि अब अवैध कॉलोनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और इन्हें वैध नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही शासन ने वैध-अवैध कॉलोनियों की सूची भी जारी की है, ताकि आम जनता को धोखाधड़ी से बचाया जा सके। शासन का दावा है कि प्रदेशभर में 8 हजार से अधिक कॉलोनियां चिन्हित की गई है और 600 एफआईआर इनमें दर्ज करवाई गई। इंदौर नगर निगम की बात करें तो अभी तक 135 कॉलोनियां पिछले दो सालों में वैध की गई और लगभग 200 एफआईआर कॉलोनाइजरों के खिलाफ दर्ज करवाई गई है। इसमें जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई अलग है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने भी ग्रामीण क्षेत्र में विकसित की जा रही अवैध कॉलोनियों के खिलाफ जांच शुरू करवाई है और लगभग 100 कॉलोनियों की सूची तैयार की गई, जिनमें अब लगातार आदेश अपर कलेक्टर गौरव बैनल द्वारा जारी किए जा रहे हैं और अभी तक उनके द्वारा ही 46 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। इधर, निगम सीमा की बात करें तो नगर निगम के कॉलोनी सेल द्वारा जो नियमितिकरण की प्रक्रिया शासन ने शुरू करवाई उसके चलते 636 अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार की गई। मगर इनमें से लगभग 350 अवैध कॉलोनियां ऐसी हैं जो किसी सूरत में वैध नहीं हो सकती। ये कॉलोनियां ग्रीन बेल्ट, नजूल, प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड की जमीनों पर काबिज है।
वैध हो सकने योग्य कॉलोनियों के लिए ही निगम ने नियमितिकरण की प्रक्रिया पूरी करवाई और अभी तक 135 कॉलोनियों को वैध किया जा चुका है। इसके साथ ही लगभग 200 एफआईआर भी निगम ने दर्ज करवाई है, क्योंकि नियम यही है कि कोई भी कॉलोनी को जब वैध किया जाता है तो उसके कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना पड़ती है। निगम का यह भी कहना है कि अवैध कॉलोनियों की सूची में लगभग 335 कॉलोनियां शामिल हैं। दूसरी तरफ वैध कॉलोनियों की अगर बात करें तो नगर निगम ने जिन्हें अनुमतियां दी हैं और जो कॉलोनियां अवैध से वैध हुईं उनकी कुल संख्या लगभग 950 होती है। यानी वैध-अवैध कॉलोनियों की संख्या निगम सीमा में लगभग समान ही है। दूसरी तरफ शासन के नगरीय प्रशासन और आवास मंत्रालय ने 8 हजार अवैध कॉलोनियों को प्रदेशभर में चिन्हित किया और उसके साथ ही वैध कॉलोनियों की सूची भी ऑनलाइन जारी की है। अभी नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी अवैध कॉलोनियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई की समीक्षा की और इंदौर सहित सभी निकायों को इस मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए और साथ ही यह भी कहा कि अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ वहां पर इस आशय के बोर्ड भी लगवाए जाएं कि उक्त कॉलोनी अवैध है, ताकि आम जनता ठगी का शिकार होने से बच सके।