Explore the website

Looking for something?

Friday, May 9, 2025

Enjoy the benefits of exclusive reading

TOP NEWS

गृह मंत्रालय का बड़ा...

पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और युद्ध जैसे हालात के बीच भारत पूरी...

भारत की सैन्य कार्रवाई...

भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई है। ताज़ा...

जुमे की नमाज के...

ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पूरे मुस्लिम समुदाय में काफी खुशी नज़र आ...

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच...

पाकिस्तान ने बॉर्डर इलाकों में मिसाइलों और ड्रोन से हमला शुरू कर दिया....
Homeमध्य प्रदेशदतिया राजपरिवार विवाद: दामाद राहुल देव और उनकी पत्नी क्षत्रिय समाज से...

दतिया राजपरिवार विवाद: दामाद राहुल देव और उनकी पत्नी क्षत्रिय समाज से बाहर… खुद को घोषित किया था 14वां राजा

  • दतिया राजपरिवार में राजेंद्र सिंह के निधन के बाद 30 अप्रैल 2020 को उनके बड़े बेटे अरुणादित्य देव को 14वां राजा घोषित किया गया था। अब दामाद ने रामनवमी के दिन अलग आयोजन कर खुद को राजा घोषित कर दिया। इसको लेकर समाज में नाराजगी है। हालांकि दामाद राहुल देव का भी अपना पक्ष है।

दतिया : अब देश में लोकतंत्र का राज है, फिर भी पुरानी मान्यताओं के आधार राजशाही की परंपरा दतिया में है। यहां के राजपरिवार में विवाद गहरा गया है। परिवार के दामाद राहुल देव सिंह ने रामनवमी के दिन समारोह आयोजित कर राज्याभिषेक कर खुद को 14वां राजा घोषित कर दिया था। अपना नया नामकरण दतिया रियासतकाल के आखिरी राजा गोविंद सिंह जूदेव के नाम पर गोविंद सिंह जूदेव कर लिया है, वहीं दतिया राजपरिवार और क्षत्रिय समाज ने समारोह को पूरी तरह फर्जी करार देते हुए विरोध किया।

(क्षत्रिय समाज ने कड़ा निर्णय लेते हुए राहुल देव सिंह और उनकी पत्नी परिणीता राजे को समाज से बाहर कर दिया है।)

समाज ने क्यों किया राहुल देव सिंह का विरोध

  • दतिया राजपरिवार के महाराजा गोविंद सिंह जूदेव दतिया के अंतिम शासक थे, जिनका निधन 1951 में हुआ। उनके दो पुत्र बलभद्र सिंह और जसवंत सिंह हुए। बलभद्र सिंह के बाद महाराजा किशन सिंह बने।
  • उनके निधन के बाद महाराज की पदवी राजेंद्र सिंह को मिली। उनकी मृत्यु के बाद 30 अप्रैल 2020 को उनके ज्येष्ठ पुत्र अरुणादित्य देव को 14वां राजा घोषित किया गया था।
  • ऐसे में वर्तमान राजा के होते हुए परिवार के दामाद के राज्याभिषेक को क्षत्रिय समाज ने परंपरा के विपरीत बताया है, क्योंकि वह जसवंत सिंह के परिवार के दामाद है।

राहुल देव सिंह ने भी रखा अपना पक्ष

विरोध को लेकर राहुल देव सिंह का कहना है कि जिसको उनका यह कदम बुरा लग रहा है, उसकी अपनी राय हो सकती है, लेकिन उन्होंने अपनी वंश परंपरा को निभाया है। कुछ लोग उनके समाज से बहिष्कृत करने की बात कह रहे हैं तो कहने दो।

वसीयत को बताया था वजह

राज्याभिषेक के आमंत्रण बांटे जाने के बाद से ही विवाद गहरा गया। इसके बाद राजपरिवार के संरक्षक पूर्व विधायक घनश्याम सिंह और वर्तमान महाराज अरुणादित्य देव ने आयोजन को गलत बताया था।

उन्होंने राहुल देव सिंह की इस बात को भी गलत बताया कि उनकी दादी सास पद्माकुमारी की वसीयत में दामाद के राज्याभिषेक की बात है, जबकि पूर्व में भी राजघराने में जमीन को लेकर विवाद के दौरान ही उनकी वसीयत सामने आ चुकी है। उसमें ऐसा कोई उल्लेख नहीं था। घनश्याम सिंह ने वसीयत के ही कूटरचित होने का दावा किया था।

नारायण शर्मा
एन टी वी टाइम न्यूज में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version