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आज की खबर हमें सोचने पर मजबूर कर देगी। यह उस सिस्टम की बात करती है, जिस पर हम अपनी सुरक्षा के लिए भरोसा करते हैं।
कल्पना कीजिए कि जिस फायर ब्रिगेड को आपकी जान बचाने के लिए बनाया गया है, वही विभाग खुद बदहाली का शिकार हो।
शहडोल से आई एक चौंकाने वाली रिपोर्ट इस कड़वी सच्चाई को सामने लाती है।
रिपोर्ट बताती है कि शहडोल के फायर स्टेशनों की हालत बेहद खराब है। चौंकाने वाली बात यह है कि कई फायर स्टेशन तो अवैध तरीके से चल रहे हैं, मानो इनका कोई मालिक ही न हो।
लेकिन सबसे हैरान करने वाला खुलासा है यहां के अधीक्षक को लेकर। जानकारी के मुताबिक, इस महत्वपूर्ण पद पर बैठे अधिकारी सिर्फ आठवीं पास हैं! सोचिए, एक ऐसा व्यक्ति जो आठवीं पास है, वो एक ऐसे विभाग को चला रहा है जिसके लिए तकनीकी ज्ञान और समझ की बहुत जरूरत होती है।
यहाँ न तो पर्याप्त स्टाफ है और न ही आग बुझाने के लिए जरूरी उपकरण। पानी की भारी कमी भी है, जो इमरजेंसी के समय सबसे बड़ी मुसीबत बन सकती है। लेकिन सबसे शर्मनाक खुलासा यह है कि यहाँ के कर्मचारियों से मल टैंकर साफ करने जैसे अमानवीय काम करवाए जा रहे हैं।
सवाल सिर्फ यह नहीं है कि ये स्टेशन अवैध क्यों हैं, बल्कि यह भी है कि हमारी सरकार और अधिकारी इस लापरवाही पर आँखें क्यों मूंदे बैठे हैं? क्या हमारी सुरक्षा की कीमत पर ऐसी अनदेखी को जायज़ ठहराया जा सकता है?
यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर हर नागरिक को अपनी आवाज उठानी चाहिए।
आज की खबर हमें सोचने पर मजबूर कर देगी। यह उस सिस्टम की बात करती है, जिस पर हम अपनी सुरक्षा के लिए भरोसा करते हैं।
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