फडणवीस सरकार के इस फैसले के खिलाफ खुलकर खड़े हो गए रामदास आठवले, बोले- ये गलत
मुंबई आशीष सिंह
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने ”लव जिहाद” को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार के कानून का मसौदा तैयार करने के कदम का रविवार को विरोध किया.
महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी संकल्प जारी किया है जिसमें कहा गया है कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की अध्यक्षता वाली एक समिति ”लव जिहाद” और जबरन धर्मांतरण की शिकायतों से निपटने के लिए कदम सुझाएगी.
यह समिति कानूनी पहलुओं और अन्य राज्यों में बनाए गए कानूनों पर भी विचार करेगी तथा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाने की सिफारिश करेगी.
धर्मांतरण रोकने के लिए प्रावधान होना चाहिए- आठवले
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री आठवले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अंतर-धार्मिक विवाह को लव जिहाद कहना गलत है. धर्मांतरण रोकने के लिए प्रावधान होना चाहिए. सामाजिक और धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ने से रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.’’
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के प्रमुख ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी को समान मानते हैं और उन्होंने सभी के लिए कल्याणकारी उपाय शुरू किए हैं. मुसलमानों को भी फायदा हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी कट्टरपंथी मुसलमानों के खिलाफ हैं, समुदाय के खिलाफ नहीं.’’
इससे पहले नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि अंतर-धार्मिक विवाह में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन धोखाधड़ी और पहचान छिपाकर विवाह करने वालों के खिलाफ कदम उठाए जाने की जरूरत है.
भारत में लंबे वक्त से ‘लव जिहाद’ के आरोप लगते आए हैं. दक्षिणपंथी संगठनों का आरोप है कि मुस्लिम युवक हिंदू युवतियों से साजिश के तहत शादी करते हैं और उनका धर्म परिवर्तन कराते हैं. 14 फरवरी को महाराष्ट्र सरकार ने राज्य पुलिस प्रमुख रश्मी शुक्ला के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया है, जो लव जिहाद और धर्मांतरण रोकने के लिए कानून का ड्राफ्ट तैयार करेगी. इससे पहले बीजेपी शासित राज्य उत्तराखंड में लव जिहाद पर कानून बन चुका है.