बड़गांव मे खुले पड़े बोरबेल को पंचायत कर रही अन देखा यह बोर बेल सालो से पड़ा खुला घटना को दे रहा न्योता
ब्यूरो रिपोर्टर सतेंद्र जैन
बड़गांव ग्राम पंचायत की लापरवाही इस खुले हुए बोर बेल मे साफ झलक रही है सूत्रों ने बतया की यह बोर बेल सालो पहले जल जीवन मिशन योजना के लिए हुआ था इसमें पानी बहुत कम निकला है इस बजह से इसका उपयोग नहीं होता है परन्तु फोटो मे साफ दिख रहा है बोरबेल खुला पड़ा है बिलकुल मेन सड़क के किनारे है यह सड़क मे 24 घंटे आवा जही बनी रहती है सबसे बड़ी बात तो यह है की कुछ दुरी पर विद्यालय है यहां से छोटे बड़े सभी विद्यार्थीनिकलते है आखिर कब तक ऐसी लापरवाही करते रहेंगे और मासूम के जीवन के साथ खिलवाड़ होता रहेगा जबकि कई जगह खुले बोरबेल मे घटना हो चुकी है शासन प्रसान की यह चुप्पी किसी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकती है
मध्य प्रदेश में, यदि पंचायत के बोरवेल में पानी नहीं निकलता है, तो उसे 3 महीने के भीतर मिट्टी, रेत या पत्थरों जैसी सामग्री से भरकर सुरक्षित रूप से बंद करना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर भूमि मालिक पर जुर्माना लगाया जा सकता है और कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा, दुर्घटनाओं को रोकने के लिए केसिंग पाइप को मजबूत ढक्कनों से ढकना आवश्यक है।
नियम और आवश्यकताएँ
3 महीने की समय सीमा: बोरवेल में पानी न निकलने पर उसे 3 महीने के अंदर भरना होगा।
सुरक्षित रूप से बंद करना: बोरवेल को मिट्टी, रेत या पत्थरों जैसी सामग्री से भरकर उसकी मूल स्थिति में वापस लाया जाना चाहिए।
सुरक्षा: बोरवेल के मुहाने को मजबूत ढक्कन से ढकना अनिवार्य है ताकि कोई दुर्घटना न हो।
कानूनी कार्रवाई: नियमों का पालन न करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो सकती है।
जिम्मेदारी: बोरवेल से संबंधित किसी भी दुर्घटना के लिए जमीन मालिक जिम्मेदार होता है।


