# **ब्रेकिंग न्यूज़: ‘गांधी के बंडल’ छीनते ही बुढार के पूर्व थाना प्रभारी बौखलाए!**## **शहडोल के बुढार में माफिया राज और पुलिस की ‘चांदी की थाली’ का खुलासा; क्या वसूली ऊपर तक जाती थी?****शहडोल/बुढार।** मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के बुढार थाना क्षेत्र में अवैध कारोबार (अवैध कोयला, रेत, कबाड़ और शराब तस्करी) के माफिया राज और थाने से उनके गठजोड़ की एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई है। हाल ही में हुए एक थानेदार के तबादले ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि माना जा रहा है कि इस स्थानांतरण से ‘मोटी गांधी की गड्डियों’ (रिश्वत की मोटी रकम) का जरिया छिन गया है, जिसके बाद पूर्व थाना प्रभारी ‘बौखलाए’ हुए हैं।**चांदी की थाली में सजे ‘हरे हरे बंडल’**सूत्रों के अनुसार, अवैध कारोबारियों द्वारा पूर्व थाना प्रभारी तक नियमित रूप से ‘चांदी की थाली में सजे हरे हरे गांधी के बंडल’ (लाखों की नकदी) पहुँचाए जाते थे। इस ‘प्रसाद’ के बल पर ही माफिया बुढार थाना क्षेत्र में बेखौफ होकर अपना धंधा चला रहे थे।**स्थानांतरण बना ‘मोटी कमाई’ के छूटने का कारण**पूर्व थाना प्रभारी के अचानक हुए तबादले से यह मोटी कमाई का स्रोत बंद हो गया है, जिससे उनकी बेचैनी बढ़ गई है। दबी जुबान में चर्चा है कि वह किसी भी तरह से बुढार थाने की कमान वापस लेने की कोशिश में जुटे हैं।**सबसे बड़ा सवाल: क्या वसूली ऊपर तक पहुंचाई जाती थी?**इस पूरे घटनाक्रम ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:* क्या बुढार थाना क्षेत्र से होने वाली अवैध कमाई का एक हिस्सा जिले या विभाग के **उच्चाधिकारियों** तक भी पहुँचता था?* इस भ्रष्ट गठजोड़ में पूर्व थाना प्रभारी के साथ **और कौन-कौन से भ्रष्ट अधिकारी** शामिल थे?* माफिया को संरक्षण देने वाले इस ‘सिंडिकेट’ पर वरिष्ठ अधिकारी कब और क्या कार्रवाई करेंगे?स्थानीय लोगों का मानना है कि बुढार में अवैध कारोबार का जाल इतना मजबूत इसलिए है क्योंकि उसे ‘सरकारी संरक्षण’ मिला हुआ था। अब देखना यह है कि क्या इस बौखलाहट के पीछे की पूरी कहानी सामने आती है और जांच की आंच उच्च स्तर तक पहुँचती है या नहीं।**आगे की कुड़ियो में देखिए: पूर्व थाना प्रभारी के पीछे कौन-कौन से ‘शुभचिंतक’ हैं और क्या वे कमान वापस पाने में सफल होंगे!*# **ब्रेकिंग न्यूज़: ‘गांधी के बंडल’ छीनते ही बुढार के पूर्व थाना प्रभारी बौखलाए!**## **शहडोल के बुढार में माफिया राज और पुलिस की ‘चांदी की थाली’ का खुलासा; क्या वसूली ऊपर तक जाती थी?****शहडोल/बुढार।** मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के बुढार थाना क्षेत्र में अवैध कारोबार (अवैध कोयला, रेत, कबाड़ और शराब तस्करी) के माफिया राज और थाने से उनके गठजोड़ की एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई है। हाल ही में हुए एक थानेदार के तबादले ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि माना जा रहा है कि इस स्थानांतरण से ‘मोटी गांधी की गड्डियों’ (रिश्वत की मोटी रकम) का जरिया छिन गया है, जिसके बाद पूर्व थाना प्रभारी ‘बौखलाए’ हुए हैं।**चांदी की थाली में सजे ‘हरे हरे बंडल’**सूत्रों के अनुसार, अवैध कारोबारियों द्वारा पूर्व थाना प्रभारी तक नियमित रूप से ‘चांदी की थाली में सजे हरे हरे गांधी के बंडल’ (लाखों की नकदी) पहुँचाए जाते थे। इस ‘प्रसाद’ के बल पर ही माफिया बुढार थाना क्षेत्र में बेखौफ होकर अपना धंधा चला रहे थे।**स्थानांतरण बना ‘मोटी कमाई’ के छूटने का कारण**पूर्व थाना प्रभारी के अचानक हुए तबादले से यह मोटी कमाई का स्रोत बंद हो गया है, जिससे उनकी बेचैनी बढ़ गई है। दबी जुबान में चर्चा है कि वह किसी भी तरह से बुढार थाने की कमान वापस लेने की कोशिश में जुटे हैं।**सबसे बड़ा सवाल: क्या वसूली ऊपर तक पहुंचाई जाती थी?**इस पूरे घटनाक्रम ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:* क्या बुढार थाना क्षेत्र से होने वाली अवैध कमाई का एक हिस्सा जिले या विभाग के **उच्चाधिकारियों** तक भी पहुँचता था?* इस भ्रष्ट गठजोड़ में पूर्व थाना प्रभारी के साथ **और कौन-कौन से भ्रष्ट अधिकारी** शामिल थे?* माफिया को संरक्षण देने वाले इस ‘सिंडिकेट’ पर वरिष्ठ अधिकारी कब और क्या कार्रवाई करेंगे?स्थानीय लोगों का मानना है कि बुढार में अवैध कारोबार का जाल इतना मजबूत इसलिए है क्योंकि उसे ‘सरकारी संरक्षण’ मिला हुआ था। अब देखना यह है कि क्या इस बौखलाहट के पीछे की पूरी कहानी सामने आती है और जांच की आंच उच्च स्तर तक पहुँचती है या नहीं।**आगे की कुड़ियो में देखिए: पूर्व थाना प्रभारी के पीछे कौन-कौन से ‘शुभचिंतक’ हैं और क्या वे कमान वापस पाने में सफल होंगे!*# 
ब्रेकिंग न्यूज़: ‘गांधी के बंडल’ छीनते ही बुढार के पूर्व थाना प्रभारी बौखलाए
RELATED ARTICLES


