श्रम कानूनों में श्रमिक या कर्मचारी की परिभाषा पर नवीन परिदृष्य में विचार करने हेतु बैठक सम्पन्न
सतेंद्र जैन ब्यूरो रिपोर्टर
इंदौर। प्रदेश के मान. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मान. श्रम मंत्री व्दारा प्रदेश के सभी प्रकार के श्रमिकों के कल्याण को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी कड़ी में मान. श्रम मंत्री के निर्देश पर विभिन्न श्रम कानूनों में श्रमिक या कर्मचारी को नवीन परिदृश्य में पुनः परिभाषित करने अधिक व्यापक बनाने हेतु एक प्रारम्भिक कन्सेप्ट नोट श्रम विभाग व्दारा तैयार किया गया है। उक्त कन्सेप्ट नोट पर प्रमुख श्रमिक संगठनों के विचार जानने हेतु आज श्रमायुक्त मध्यप्रदेश व्दारा विभिन्न श्रमिक संगठनों, भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) इंटक, एटक, सीटू तथा हिन्द मजदूर सभा, सेवा के पदाधिकारियों से वीडियों कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से विचार विमर्श किया गया। मान श्रम मंत्री जी के इस विचार की एकमत से ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों द्वारा सराहना की गई तथा इस विषय पर विस्तार से सभी स्टेक होल्डर्स जैसे श्रम संघ प्रतिनिधि, उद्योग व व्यवसाय प्रतिनिधि और सीधे नवीन श्रेणी से जुडे जागरूक श्रमिकों से भी प्रत्यक्ष चर्चा कर राय लेने का आग्रह किया। बैठक का संचालन श्रमायुक्त म.प्र. श्रीमती रजनी सिंह द्वारा किया गया एवं बैठक में अपर श्रमायुक्त श्री प्रभात दुबे तथा संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा श्रीमती नमिता तिवारी भी उपस्थित थे।
मान. श्रम मंत्री द्वारा दिये गये निर्देशानुसार वर्तमान श्रम कानूनों में श्रमिक तथा कर्मचारी की जो परिभाषायें है वे पुरानी हो चुकी है। वर्तमान में आईटी क्षेत्र तथा सेवा क्षेत्र में अनेक युवा रोजगार कर रहे हैं। गिग प्लेटफार्म वर्कर्स आईटी सेवा क्षेत्र के कर्मचारी पुरानी परिभाषा अनुसार केवल शारिरिक श्रम के दायरे में नहीं आते। अनेक नये नियोजनों में ऐसे नई प्रकृति के मानसिक, तकनीकि एवं विश्लेषणात्मक कार्य है जो पुरानी परिभाषाओं के दायरे में नहीं आते है। अतः इन पर विचार विमर्श कर श्रमिक शब्द को तदनुसार परिभाषित करने हेतु श्रामिक संगठनों के प्रतिनिधियों से आज शाम 4 बजे वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से एक बैठक आयोजित की गई जिसमें भारतीय मजदूर संघ से श्री अरविंद मिश्रा, श्री मधुकर साबले, श्री सुधीर चतुर्वेदी, इंटक से श्री शेषमणि मिश्रा, सीटू से श्री प्रमोद प्रधान एटक से श्री मौर्य, हिन्द मजदूर सभा से श्री हरिओम, सेवा से सुश्री कविता ने भाग लिया।
श्रमायुक्त द्वारा सभी के विचार जानने के बाद कहा कि शीघ्र ही मान. श्रम मंत्री की अध्यक्षता में श्रमिक संगठनों एवं नियोजकों की बैठक आमंत्रित कर इस सम्बन्ध में विस्तृत विचार विमर्श किया जायेगा।


