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साइलेंट पीएम प्रदाता ने ही अर्थव्यवस्था को संजीवनी दी


साइलेंट पीएम प्रदाता ने ही अर्थव्यवस्था को संजीवनी दी
भारत के दिवगंत पूर्व प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितम्बर, 1932 को भारत-पाक बंटवारे के पूर्व पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गाह गांव में हुआ था। बटवारे के समय सिंह का परिवार अमृतसर पंजाब (वर्तमान भारत) में बस गया था। पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहना सिंह के निधन पर के देश में 7 दिन की राष्ट्रीय शोक घोषित किया।
डॉ. सिंह अपनी असाधारण बुद्धिमता, सादगी और दूर द्दष्टि से देश को नई उचाईयौ पर पहुंचा। केवल प्रधान मंत्री ही नहीं थे, बल्कि वे विचारक; अर्थशास्वी और सच्चे देश भक्त थे। वे सदैव दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्यों को हर संभव सहयोग दिया था। वे एक कुशल अर्थशास्त्री के साथ ईमानदार नेता के रूप में याद रहेंगे।
पूर्व प्रधान मंत्री डॉ. सिंह व उनकी पत्नी गुरशरण कौर की तीन बेटियाँ है। उनके परिवार के सदस्यों ने काफी उच्च शिक्षा हासिल कर रखी है। उनकी बेटी दमनसिंह ने अपनी किताब में लिखी कि उनके पिता बेहद गरीब परिवार से थे। उन्हें कई बार भूखे रह कर एवं कई बार उन्हें चॉकलेट खाकर समय गुजारना पड़ा।
उनकी शिक्षा हिन्दू कालेज, अमृतसर में अध्ययन. करने के बाद पजाबं विश्वविद्यालय के होशियापुर में अर्थशास्त्र की शिक्षा ली। वे 1957 से 1959 तक पंजाब विश्वविद्यालय वरिष्ठ लेक्चरर रहे। 1996 में वित्त मंत्रालय में सचिव, 1980-82 में वे योजना आयोग में रहे। 1982 में उन्हें तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुकर्जी के अधीन रिजर्व बैंक का गर्वनर बनाया। वे देश में प्रोफेसर, योजना आयोगके अध्यक्ष, आरबीआई के गर्वनर से वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री तक क्या निविवादास्पद पीएम का रिकार्ड बनाया। वे भारत के पहले सिख पीएम थे । जो सिख के महानतम व्यतित्व कृतित्व के रूप में अपनी अद्भूत छवि, बेदांग व पारदर्शीता के साथ रखी थी। सिह देश के इस इकलौते ऐसे प्रधानमंत्री रहे जिन के हस्ताक्षर वाले नोटों का निर्गमन भी हुआ।
उन्होंने 24 जुलाई, 1991 में देश में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की। इसमें उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया। वित्र मंत्री रहते हुए देश को डूबने से बचाया था। उनके नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 21 वीं सदी में तेजी से प्रगति की। उनके अनेकानेक उम्दा कार्यों की दुनिया भर में प्रशंसा होती रही। वे अमेरिका और जापान में आर्थिक नीतियों को लेकर हमेशा प्रशंसक रहे। वे दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार देने कली योजना के जनक भी माने जाते। वे एक मात्र ऐसे पीएम रहे जिन्होंने पूरे विश्व में मंदी के दौरान भारत में हर व्यक्ति के परिवार को संपन्नता दिलाए। इस तरह स्पष्ट है उन्होंने आर्थिक सुधारो से देश को आर्थिक मंदी से निकला।
साइलेंट पीएम कहे जाने पर 2018 में अपनी किताब चेंजिंग इंडिया के लाँच कार्यक्रम में कहा था; “लोग कहते है, मैं’ साइलेंट पीएम हूँ, मैं कहना चाहता हूँ। कि मैं ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था जो प्रेस से बात करने से डरता “उन्होने आगे कहा था, “मैं’ नियमित से प्रेस से मिलता।” उनके जीवन में संघर्ष और सफलता की कहानियों को ढेर लगा है। कई वर्षों तक कई महत्वपूर्ण कार्यों में संलग्नता उनकी प्रमुख विशेषताएं रही। उनके कार्यकाल को थोडे शब्दों में बाँधना कठिन ही नहीं बहुत मुश्किल भी है। वर्तमान भारत जिस स्थिति में आ गया है उसको संजीवनी देने वाले एमपी डॉ. सिंह हीहै। उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि ।

डॉ बी ,आर नलवाया ,वरिष्ठ उपाध्यक्ष
ओसवाल लोढेसाथ जैन समाज , मंदसौर

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