( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर )
धार के रहने वाले परिजनों ने यह भी बताया कि नवजात को रेफर कर इंदौर लाए थे, पर मंजू (नवजात की मां) खुद धार में अस्पताल में भर्ती थी. लिहाजा, अस्पताल प्रबंधन ने आश्वस्त किया था कि परिजनों को कॉल कर जानकारी देते रहेंगे, हालांकि न उन्होंने नंबर लिया और न ही उन्हें बच्ची की मौत की सूचना दी.
एनटीवी टाइम न्यूज इंदौर/इंदौर के प्रतिष्ठित एमवाय अस्पताल में पिछले दिनों दो नवजातों के हाथों को चूहों ने कुतर दिया था. इसके बाद दोनों बच्चों की मौत हो गई थी. हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने मौत की वजह चूहे के काटने को मानने से इनकार कर दिया था. इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि बच्चों की मौत इसलिए हुई थी, क्योंकि दोनों ही बच्चे प्रीमेच्योर थे.

इनमें से एक नवजात का वजन 1.2 किलो, जबकि दूसरे की वजन 1.6 किलो था. इसी के साथ शिशु में हीमोग्लोबिन भी कम था. साथ ही नवजात में सर्जिकल संबंधित तकलीफें भी थीं. इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन ने यह भी बताया था कि नवजात को उसके परिजन छोड़कर चले गए थे. यानी इस पूरे मामले में एक नवजात को लावारिस घोषित किया था, क्यूंकि उसके परिजन उस समय वहां मौजूद नहीं थे.
परिवार ने लगाए ये गंभीर आरोप

हालांकि, परिवार ने अस्पताल के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन लगातार एंट्री पास की मांग कर रहे थे, पर एडमिट करते समय ऐसा कोई पास नहीं दिया गया. नवजात के अभिभावक मंजू और देवराम ने बातचीत में बताया कि उन्हें मीडिया से शुक्रवार को इस पूरी घटना की जानकारी मिली.
इसलिए बच्चे को छोड़ कर गए थे परिजन
धार के रहने वाले परिजनों ने यह भी बताया कि नवजात को रेफर कर इंदौर लाए थे, पर मंजू (नवजात की मां) खुद धार में अस्पताल में भर्ती थी. लिहाजा, अस्पताल प्रबंधन ने आश्वस्त किया था कि परिजनों को कॉल कर जानकारी देते रहेंगे, हालांकि न उन्होंने नंबर लिया और न ही उन्हें बच्ची की मौत की सूचना दी.
एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग
इस मामले को लेकर मृत नवजात के बच्चे के परिजन अब इंसाफ के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. परिवार वाले लगातार एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग मांग रहे हैं. इस बीच धरना प्रदर्शन में परिवारजनों से बातचीत करने इंदौर के एडीएम रोशन राय और एमवाय अस्पताल के डीन घनघोरिया पहुंचे. उनसे बातचीत में उन्होंने बताया कि प्रशासन के स्तर पर जो भी कार्रवाई होगी, उसे त्वरित की जाएगी. इसके साथ पहले ही चार लोगों को सस्पेंड किया जा चुका है.


