Friday, March 14, 2025

TOP NEWS

PANNA : मातम में...

घर में सो रहे टीचर की बेरहमी से हत्या, चार बच्चों के सिर...

SEHORE : मिनटों में...

गर्मी का मौसम आते ही ग्रामीण अंचलों में आगजनी की घटना देखने को...

UJJAIN : उज्जैन में...

उज्जैन के महाकाल मंदिर में होली का त्योहार परंपरा अनुसार हर्षोल्लास से मनाया...

होली पर भद्रा का...

दीपक तिवारीहोली पर भद्रा का साया रहने से आज रात 11 बजकर 27...
Homeछत्तीसगढसुशासन के साय सरकार की योजनाओ को मटियामेट करता ग्राम पंचायत पंगसुवा;

सुशासन के साय सरकार की योजनाओ को मटियामेट करता ग्राम पंचायत पंगसुवा;

जशपुर : सुशासन के साय सरकार की योजनाओ को मटियामेट करता ग्राम पंचायत पंगसुवा; क्या नुमाइंदों का भ्र्ष्टाचार बना पंचायत के विकास में रोड़ा?…

जशपुर। जिले के पत्थलगांव तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत पंगसुवा, जो पत्थलगांव शहर के निकट स्थित है, जहां सरपंच और सचिव पर विकास कार्यों में भारी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं। पिछले पाँच वर्षों में, इन जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की सांठगांठ द्वारा किसी भी विकास कार्य को निष्ठापूर्वक पूर्ण नहीं कराया गया, जबकि विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लाखों रुपये स्वीकृत हुए थे।

योजनाएँ और स्वीकृत धनराशि :

1.सामुदायिक शौचालय निर्माण (स्वच्छ भारत मिशन): लगभग ₹4 लाख।
2.सड़क प्रकाश व्यवस्था: लगभग ₹3.8 लाख।
3.मुरमीकरण फंड: लगभग ₹1.2 लाख।
4.गोठान में तार घेराव: लगभग ₹3 लाख।
5.नाली निर्माण: लगभग ₹5 लाख।

इन योजनाओं के बावजूद, गाँव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। सड़कें अधूरी हैं, उपयुक्त प्रकाश व्यवस्था बिल्कुल नहीं के बराबर, सार्वजनिक शौचालय बिना उचित सुविधाओं के हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ पाने के लिए ग्रामीणों से रिश्वत की मांग प्रमुख रूप से चौक चौराहो में चर्चा का विषय बनी हुई है, मानो गरीब ग्रामीण अब सुशासन की इस योजनाओं से वंचित से रह गए है। इसके अतिरिक्त, राशन कार्ड बनवाने के लिए भी ग्रामीणों से ₹2,000 से ₹3,000 तक की अवैध मांग की जाने की शिकायतें भी सामने आई है। आपको बताना यह भी लाजमी होगा कि  जो लोग यह राशि नहीं दे सके, उन्हें आज तक राशन कार्ड जैसे मुख्य धारा की योजना से भी वंचित रखा गया है।

आपको बता दें कि यह स्थिति मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृह जिले की है, जो प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सीधा गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है।

हमारा मानना है कि इस प्रकार की घटनाएँ ग्रामीण विकास में बाधा उत्पन्न करती हैं और प्रशासन की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगना लाजमी भी हैं। आवश्यक है कि संबंधित अधिकारी इन मामलों की निष्पक्ष जांच करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments