लोकेश शर्मा
हाई कोर्ट (MP High Court)की एकल पीठ ने भिंड कलेक्टर (Bhind Collector) संजीव श्रीवास्तव के खिलाफ दर्ज अवमानना को समाप्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आइएएस अधिकारियों (IAS Officers) को अपने तौर तरीके बदलने होंगे। यदि आदेश से संतुष्ट नहीं है तो उसे चुनौती देना चाहिए या फिर लागू करना चाहिए। अधिकारियों को अपनी गलत धारणाओं के चलते आदेशों को दबाए रखने का कोई अधिकार नहीं है।
भिंड कलेक्टर को लेकर कोर्ट ने की थी गंभीर टिप्पणी
ज्ञात है भिंड कलेक्टर को लेकर कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था, पीडब्ल्यूडी के खिलाफ आरआरसी को निष्पादित करने में खुद को असहाय बता रहे हैं। राज्य शासन को राज्य शासन को सोचने का समय है कि ऐसे अधिकारी को फील्ड में तैनात किया जाना चाहिए या नहीं। कलेक्टर ने जो स्पष्टीकरण दिया है, वह चौंकाने वाला है।
ये है मामला
कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि आरआरसी (रेवेन्यू रिकवरी सर्टिफिकेट) निष्पादन योग्य थी, उसमें कोई बाधा नहीं थी, लेकिन उसे कलेक्टर लागू नहीं कर रहे थे। खुद की गलत बयानी के कारण अवमानना दर्ज हो गई। वास्तव में भिंड कलेक्टर खुद संकट में आए तो उन्होंने आरआरसी (रेवेन्यू रिकवरी सर्टिफिकेट) का निष्पादन कर दिया।
कलेक्टर ने कोर्ट से मांगी माफी
कलेक्टर शुक्रवार को खुद पैरवी के लिए उपस्थित हुए। उन्होंने न्यायालय से माफी मांगते हुए पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट पेश कर दी। श्रम न्यायालय में आरआरसी जमा भी कर दी। कोर्ट ने कलेक्टर का पक्ष सुनने के बाद कहा कि उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है। न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास न करें। इसके साथ ही अवमानना की कार्रवाई को समाप्त किया जाता है।