लोकेश शर्मा
नाली निर्माण के दौरान मिट्टी धंसने से 2 मजदूर दब गए। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 5 घंटे कड़ी मशक्कत के बाद देर रात दोनों श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। लेकिन, अभी अभी सूचना सामने आई है कि हादसे का शिकार एक मजदूर की मौत हो गई।
मध्य प्रदेश के सिंगरौली में नाली निर्माण के दौरान मिट्टी धंसने से निर्माण कार्य में लगे दो मजदूर दब गए। आनन फानन में शुरु किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। रेस्क्यू किए गए श्रमिकों में से एक की हालत तो सामान्य है, जबकि दूसरे की गंभीर बताई गई। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां एक मजदूर की हालत तो स्थिर है। जबकि, बुधवार सुबह गंभीर रूप से घायल मजदूर की मौत हो गई। हालांकि, गंभीर घायल मजदूर मौत की खबर रात में ही उड़ गई थी, जिसके चलते उसके परिजन ने रात में हंगामा शुरु कर दिया था, लेकिन पुलिस ने उसके घायल होने की बात कहकर मामला शांत कराया था।
बता दें कि, जिले के नवानगर थाना इलाके के अंतर्गत आने वाले अमलोरी महुआ मोड़ पर मंगलवार रात को ये हादसा हुआ। निर्माणाधीन नाली का प्लेट निकलने के दौरान दो मजदूर दब गए। घटना की जानकारी जैसे ही जिला प्रशासन समेत स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों को लगी तो घटनास्थल के समीप काफी संख्या में लोग पहुंच गए। वहीं दबे हुए श्रमिकों को रेस्क्यू करने के लिए प्रशासन ने 5 जेसीबी मशीन लगाते हुए मिट्टी हटाने का कार्य शुरू किया और करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद दोनों मजदूरों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया था।
रात में ही उड़ गई थी मजदूर की मौत की खबर
हालांकि, पहले नंबर पर रेस्क्यू किए गए श्रमिक रोहित वैश्य पूरी तरह सुरक्षित बाहर आए, जबकि दूसरा श्रमिक रामकेश पांडू प्रशासन के अनुसार गंभीर रूप से घायल था, जिसे तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि दूसरे श्रमिक के परिजन ने रामकेश की मौत का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरु कर दिया था। मामले में सिंगरौली कलेक्टर और एसपी ने श्रमिक के मौत की पुष्टि नहीं की। उन्होंने कहा कि श्रमिक गंभीर रूप से घायल था, जिसके चलते उन्हें इलाज केलिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लेकिन, बुधवार सुबह गंभीर घायल मजदूर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
परिजन ने की जांच की मांग
आपको बता दें कि जिले में निर्माण कार्य के दौरान यह कोई पहला हादसा नहीं है। इसके पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। लिहाजा निर्माण कार्य होने के दौरान प्रशासन के द्वारा निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग न किया जाना कहीं न कहीं घटना का एक बड़ा कारण है। संविदाकार के द्वारा बिलों, रेट में टेंडर तो ले लिए जाते हैं लेकिन कार्यों के निर्माण में लीपापोती करते हुए घटिया निर्माण कर इस तरह के हादसे को आमंत्रण देते हैं। हालांकि परिजनों की मांग पर कलेक्टर व एसपी ने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने और लापरवाही बरतने वाले संविदाकार पर कार्रवाई किए जाने की बात कही है।
देर रात तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
जैसे इस घटना की सूचना सिंगरौली कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला को एवं एसपी मनीष खत्री को लगी तुरंत ही पोकलेन मशीन बुलाई और मिट्टी में दबे मजदूरों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करवाया। रात के लगभग 11 बजे 5 घंटे के रेस्क्यू के बाद एक मजदूर को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाल लिया गया। जब दूसरे मजदूर को निकाला गया तो उसकी हात बेहद गंभीर लगी। उसे तत्काल ही इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया। इधर, रेस्क्यू ऑपरेशन में जिला प्रशासन के अफसरों के साथ कई थानों की पुलिस, एनसीएल प्रबंधन, नगर निगम की टीम मौजूद रहीं।