( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर )
अनंत चतुर्दशी को लेकर मान्यता है कि अनंत भगवान की पूजा करने और व्रत रखने से हमारे सभी कष्ट दूर होते हैं. इस दिन संकटों से सबकी रक्षा करने वाला अनंतसूत्र भी बांधा जाता है.
एनटीवी टाइम न्यूज/हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है. यह दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की उपासना के लिए समर्पित होता है. साथ ही यही तिथि 10 दिनों तक चलने वाले गणेश महोत्सव के समापन भी किया जाता है और खास मुहूर्त में बप्पा की विदाई भी होती है. आइए जानते हैं इस दिन का विशेष महत्व, पूजा और शुभ मुहूर्त…
अनंत चतुर्दशी का पर्व भादो मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. इस दिन 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव का समापन होता है और श्रद्धालु गणेश प्रतिमा का विसर्जन करते हैं.
ये है मान्यता
इस दिन को लेकर एक खास मान्यता है. बताया जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु करवट बदलते हैं. इसलिए इस तिथि का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है. इस दिन लोग व्रत करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं. अनंत भगवान की पूजा करके संकटों से रक्षा करने वाला अनन्तसूत्र भी बांधा जाता है.
अनंत चतुर्दशी 2025 कब है?
अनंत चतुर्दशी तिथि 6 सितंबर को सुबह 3 बजकर 14 मिनट पर शुरु होगी. 7 सितंबर को मध्यरात्रि 1 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी. उदय तिथि के मुताबिक से 6 सितंबर को ही अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा.
इस मुहूर्त मे करें बप्पा की विदाई
10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव पर्व का समापन भी अनंत चतुर्दशी के दिन होता है. ज्यादातर लोग इसी दिन गणेशजी की प्रतिमा का विसर्जन करते हैं. इस साल 6 सितंबर शनिवार को अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह 7 बजकर 30 मिनट से लेकर सुबह के ही 9 बजकर 42 मिनट तक चौघरिया मुहूर्त में रहने वाली है. इसी मुहूर्त में भगवान श्री गणेश का विधि विधान के साथ पूजा पाठ कर विसर्जन कर सकते हैं.


