PITHAMPUR NEWS (प्रफुल्ल तंवर) : पीथमपुर में आज से यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह कचरा 900 से 1200 डिग्री तापमान पर जलाया जा रहा है। इस प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
दो महीने से पीथमपुर में रि-सस्टेनेब्लिटी कंपनी (पूर्व में रामकी) परिसर में 12 कंटेनर में भोपाल से लाकर रखे गए 337 टन कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुक्रवार दोपहर 3 बजे से शुरू हो गई। अब 74 घंटे तक सतत प्रक्रिया चलेगी। 30 टन कचरे को अगले दो सप्ताह में अलग-अलग मात्रा में जलाया जाएगा।
इसके प्रभाव की रिपोर्ट 27 मार्च के पूर्व हाई कोर्ट को सौंपी जाएगी। वर्ष 2015 में भी पीथमपुर के इसी संयंत्र में 10 टन जहरीला कचरा जलाकर ट्रायल रन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कचरे को जलाने पर प्रशासनिक अफसरों ने निर्णय लिया।
पीथमपुर रामकी परिसर के बाहर अब भी पुलिस बल तैनात है। क्षेत्र में शांति बनी हुई है। एसडीएम, तहसीलदार दार, एमपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी, पीथमपुर नपा सीएमओ, एसपी शशिकांत कनकने रामकी कंपनी में मौजूद हैं।
गुरुवार रात से ड्राय रन शुरू हुआ
गुरुवार दोपहर तीन से चार बजे के बीच पांच कंटेनर खोले गए। गुरुवार रात को इंसीनेटर का ड्राय रन शुरू कर उसका तापमान बढ़ाने का कार्य शुरू हो गया था। यह प्रक्रिया शुक्रवार सुबह तक चली।
दौरान संयंत्र के प्रथम दहन कक्ष का तापमान कचरा जलाने के लिए निर्धारित 850 से 900 डिग्री सेल्सियस व दूसरे दहन कक्ष का तापमान 1100 से 1200 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचाया गया। इसके बाद कचरे को भस्मक संयंत्र में डाला गया।
सुप्रीम कोर्ट की रोक नहीं
यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा धार जिले के पीथमपुर में ही जलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कचरा जलाने पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। गुरुवार सुबह हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो इस संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के समक्ष आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
कोर्ट ने राज्य सरकार के उस जवाब को भी रिकार्ड पर ले लिया है, जिसमें कहा है कि कचरा जलाने के दौरान सभी नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। जवाब में कचरा जलाने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया, सावधानियां व हादसे की आशंका के चलते व्यवस्थाओं की जानकारी दी गई।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
पीथमपुर में कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने दायर की थी। इसमें कहा था कि पर्यावरण और स्वास्थ्य नियमों का पालन किए बगैर जहरीला कचरा जलाने की तैयारी की गई है।
सरकार ने पेश कर दिया जवाब
17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कहा था कि वह बताए कि कचरा जलाने के दौरान कोई हादसा होता है, तो इससे निपटने के उसके पास क्या इंतजाम हैं।
गुरुवार को सरकार ने जवाब पेश कर दिया। इसे रिकार्ड पर लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी। चिन्मय मिश्र ने कहा कि फैसले का अध्ययन करने के बाद हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की संभावना तलाशेंगे।