EOW द्वारा विकास खण्ड मेहंदवानी जिला डिण्डौरी के उप संचालक, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं अन्य के विरुद्ध पद का दुरुपयोग कर शासन से प्राप्त होने वाले चना एवं मसूर के बीजों की राशि का गबन करने पर अपराध पंजीबद्ध किया गया।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में प्राप्त शिकायत जिसमें आवेदक द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2021-22 में जिला डिण्डौरी के विकास खण्ड मेहंदवानी में Targeting Rice Fallow Area (टीआरएफए) योजना अंतर्गत चना एवं मसूर बीज वितरण में किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग डिण्डौरी के संबंधित अधिकारी/कर्मचारी द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उक्त शिकायत की जांच ईओडब्ल्यू जबलपुर, द्वारा की गई। जांच पर पाया कि वर्ष 2021-22 में जिला डिण्डौरी के 07 विकास खण्डों में Targeting Rice Fallow Area (टीआरएफए) योजना अंतर्गत चना एवं मसूर बीज वितरण किया गया था। तत्समय उप संचालक कृषि डिण्डौरी श्री अश्विनी झारिया थे। विकास खण्ड मेहंदवानी जिला डिण्डौरी में तत्कालीन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी हेमंत मरावी द्वारा कुल 728 कृषकों को 546 क्विंटल चना बीज वितरित किया गया था जबकि 728 कृषकों के अतिरिक्त 372 कृषकों की फर्जी सूची बनाकर 276.75 क्विंटल चना बीज का वितरण दर्शाया था तथा फर्जी सूची तैयार की थी साथ ही 305 कृषकों को 121.5 क्विंटल मसूर बीज वितरित किया था जबकि 295 कृषकों की सूची फर्जी तैयार कर 118 क्विंटल मसूर बीज का फर्जी वितरण दर्शाया था। स्टॉक रजिस्टर के अध्ययन से यह स्पष्ट है कि 276.75 क्विंटल चना बीज तथा 118 क्विंटल मसूर बीज विकास खण्ड मेहंदवानी वरिष्ठ कृषि अधिकारी के कार्यालय में आया ही नही तथा तात्कालीन उप संचालक कृषि अश्विनी झारिया व शाखा प्रभारी इंदर लाल गौरिया (सेवा निवृत्त) के कहने पर फर्जी कृषकों की सूची तैयार कर वितरण करा दिया गया। कुल राशि रूपये 30,39,575 का गबन पाया गया।
संपूर्ण जांच उपरांत शिकायत पत्र में लगाये गये आरोप प्रमाणित पाये जाने से आरोपी (1) श्री अश्विनी झारिया, तत्कालीन उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विभाग, जिला डिण्डौरी (2) श्री इंदर लाल गौरिया, तत्कालीन शाखा प्रभारी (सेवा निवृत्त), किसान कल्याण एवं कृषि विभाग, जिला डिण्डौरी (3) श्री हेमंत मरावी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, विकास खण्ड मेहंदवानी, जिला डिण्डौरी के विरुद्ध धारा 120बी, 409, 420, 467, 468, 471, भादवि एवं धारा 7सी, 13 (1) बी सहपठित 13 (2) भ्रनिअ संशोधित 2018 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
रिपोर्ट लीलाराम साहू डिंडोरी