- छिंदवाड़ा के परतला में 23 से 25 मकानों का निर्माण किया जाना है, लेकिन पूरा प्रोजेक्ट अधूरा है. यहां नगर निगम द्वारा पीएम आवास के लिए तैयार किया गया स्ट्रक्चर ही खंडहर में तब्दील होने लगा है. यहां के कई हितग्राही पूरी रकम चुका चुके हैं. तो कुछ बैंक से लिए गए कर्ज की किस्त चुका रहे है और किराए का भुगतान भी कर रहे हैं. लेकिन उनको अपना आशियाना नहीं मिला.
Pradhan Mantri Awas Yojana: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में पीएम आवास योजना की स्थिति ठीक नहीं है. जिले के परतला में पांच साल से पीएम आवास योजना का प्रोजेक्ट बंद पड़ा है. यहां के हितग्राहियों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान लेकर अब पछता रहे हैं. इनमें ऐसे भी उपभोक्ता हैं जिन्होंने पूरा भुगतान कर दिया है, लेकिन आज तक इन्हें मकान हैंडओवर नहीं हुए हैं. वहीं जब NDTV ने जिम्मेदार अधिकारियों से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा. आइए जानते हैं क्या है मामला?
खंडहर में तब्दील हो गया स्ट्रक्चर
छिंदवाड़ा के परतला में 23 से 25 मकानों का निर्माण किया जाना है, लेकिन पूरा प्रोजेक्ट अधूरा है. यहां नगर निगम (Nagar Nigam) द्वारा पीएम आवास के लिए तैयार किया गया स्ट्रक्चर ही खंडहर में तब्दील होने लगा है.
2019 में नगर निगम ने परतला में हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू किया था. कोरोना काल के 1 साल बाद यहां निर्माण कार्य बंद कर दिया गया और पूरा प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
प्रोजेक्ट निर्माण में अधिकारियों द्वारा बरती गई लापरवाही का खामियाजा यहां के हितग्राही भुगत रहे हैं. प्रोजेक्ट की कीमत बढ़ने के साथ हितग्राहियों को इन आवास को देने से मना कर दिया गया. जिसके बाद अफसरों ने भी यहां काम बंद कर दिया.
हितग्राहियों का क्या कहना है?
परतला में आवास हितग्राही सरला सलामे ने बताया कि प्रोजेक्ट की लागत बढ़ने और निर्माण में घाटा होने की बात कहकर अधिकारियों ने काम रुकवा दिया. पांच साल हो गए, लेकिन इस समस्या का कोई हल नहीं निकला. अफसरों के खिलाफ हर जगह शिकायत की गई, लेकिन किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की गई. कई हितग्राही ऐसे भी है जो बैंक से कर्ज लेने के बाद भी किश्त भी चुका रहे है और किराया भी दे रहे है. इसके बाद भी इन्हें आवास नहीं दिए जा रहे है.
जिम्मेदारों का क्या कहना है?
वहीं जब छिंदवाड़ा नगर निगम कमिश्नर सीपी राय से एनडीटीवी ने बात की तो उन्होंने बताया कि 3 जगह हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू किए गए थे. परतला प्रोजेक्ट में कुछ तकनीकी खामियां हैं, साथ ही प्रोजेक्ट की लागत बढ़ने का भी मामला है. इन समस्याओं को निगम की एमआईसी की बैठक में रखा जाएगा और जल्द ही योजना में बनने वाले घरों को पूरा किया जाएगा.