Sunday, November 2, 2025

TOP NEWS

जैसलमेर के रिसोर्ट में...

राजस्थान में जैसलमेर जिले के सम सैंड ड्यून्स क्षेत्र में एक निजी रिसोर्ट...

कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन...

लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस, दो अधिकारियों पर निलंबन की...

राष्ट्रीय सायबर सुरक्षा जागरूकता...

राष्ट्रीय सायबर सुरक्षा जागरूकता माह के अवसर पर जिला डिण्डौरी में 28 अक्टूबर...

इंदौर BJP में हंगामा,...

( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर ) इंदौर में भारतीय जनता पार्टी के भीतर बगावत खुलकर...
Homeछत्तीसगढअंधेरे से उजाले की ओर, लामपहाड़ में शिक्षा की नई भोर

अंधेरे से उजाले की ओर, लामपहाड़ में शिक्षा की नई भोर

अंधेरे से उजाले की ओर, लामपहाड़ में शिक्षा की नई भोर

युक्ति युक्तकरण से शिक्षकविहीन विद्यालय लाम पहाड़ प्राथमिक शाला में शिक्षक की हुई नियुक्ति

पहाड़ी कोरवाओं बच्चों का बदलेगा भविष्य
कोरबा से ब्यूरो चीफ महेन्द्र सोनवानी की खास रिपोर्ट

कोरबा 23 अगस्त 2025/ कुछ समय पहले लाम पहाड़ का नाम सुनते ही एक कठिन राह पर मुश्किल सफर का दृश्य उभर कर आँखों में छा जाता था। पहाड़ो में बसाहट होने और यहाँ तक पहुचने में अनेक चुनौतियां होने की वजह से यहाँ रहने वाले पहाड़ी कोरवाओं को कई सुविधाओं से महरूम होना पड़ता था। अब जबकि बिजली,पानी और सड़क के साथ इस बसाहट में स्कूल बनकर संचालित हो रहा है तो लाम पहाड़ क्षेत्र के पहाड़ी कोरवाओं के बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अन्धकारमय जीवन से बाहर निकलकर शिक्षा के भोर के सहारे बेहतर भविष्य गढ़ने का अवसर मिल गया है। यहाँ आवागमन सहित अन्य चुनौतियों की वजह से शिक्षकविहीन की श्रेणी में आने वाले लामपहाड़ के पाठशाला को शासन की युक्ति युक्तकरण की पहल ने न सिर्फ नियमित शिक्षक की सौगात दी अपितु यहाँ पढ़ाई करने आने वाले बच्चों के भविष्य की राह भी आसान कर दी है।
कोरबा विकासखंड अंतर्गत अन्तिमछोर के ग्रामपंचायत बड़गांव के आश्रित ग्राम लामपहाड़ की पहचान भले ही अब कठिन राह पर मुश्किल सफर की नहीं रही, लेकिन बड़ी संख्या में निवास करने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा ही यहाँ की पहचान अभी भी है। शहर से बहुत दूर घने जंगलों के आसपास निवास करने वाले पहाड़ी कोरवाओं को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने शासन द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में यहाँ विद्यालय का संचालन कर पहाड़ी कोरवा बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की पहल की गई, लेकिन विद्यालय में पदस्थ शिक्षिका के पदोन्नति होकर अन्यत्र स्थानान्तरण के बाद विगत कुछ वर्षों से नियमित शिक्षक नहीं होने का खामियाजा विद्यार्थियों को उठाना पड़ता था। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर अतिशेष शिक्षको के समायोजन व युक्ति युक्तकरण की पहल ने यहाँ की तस्वीर बदलने का काम किया। यहाँ संचालित प्राथमिक शाला और माध्यमिक शाला में शिक्षको की पदस्थापना होने से अब यह विद्यालय शिक्षकविहीन की श्रेणी से बाहर आ गया है। नियमित शिक्षक के नियुक्ति से पहाड़ी कोरवा विद्यार्थियों की पढ़ाई भी नियमित होने लगी है। यहाँ जाने पर युक्ति युक्तकरण से प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक श्री कलेश्वर राम कटेला क्लास में विद्यार्थियों को पढ़ाई कराते नजर आए। उन्होंने बताया कि युक्ति युक्तकरण से लामपहाड़ के प्राथमिक शाला को दो और माध्यमिक शाला को एक शिक्षक मिले हैं। प्राथमिक शाला में कुल 33 बच्चे और मिडिल स्कूल में 19 बच्चे हैं। इन सभी विद्यार्थियों में अधिकांश विशेष पिछड़ी जनजाति वाले पहाड़ी कोरवा जाति के हैं। मीडिल स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक दीपक यादव ने बताया कि युक्ति युक्तकरण से एक नए शिक्षक के आ जाने से मीडिल स्कूल में 3 शिक्षक हो गए हैं। इधर विद्यालय में पढ़ाई करने वाले पहाड़ी कोरवा विद्यार्थियों सुखशिला, फूलमती, संगीता, देवशीला, फुलमनिया ने बताया कि नियमित शिक्षक आने से क्लास में लगातार पढ़ाई हो रही है। शिक्षक समय पर आ जाते हैं और पूरे समय तक ठहरते हैं। उन्होंने बताया कि उनके माता पिता पहले स्कूल दूर होने से पढ़ाई नहीं कर पाए। अब स्कूल पास ही है इसलिए हमें पढ़ाई करने भेजते हैं। विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें समय पर नाश्ता और मध्यान्ह भोजन भी मिलता है। हमारा मन पढ़ाई में लगने लगा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments