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Homeमध्य प्रदेशअसंसदीय भाषा होगी प्रतिबंधित इंदौर महापौर की पहल!

असंसदीय भाषा होगी प्रतिबंधित इंदौर महापौर की पहल!

निगम बजट सम्मेलन में हुई सार्थक-विस्तार से चर्चा एवं जनहितैषी बजट प्रस्ताव पारित

देर रात्रि 8:30 तक चला निगम परिषद सम्मेलन

महापौर द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन पर की विस्तार से चर्चा

असंसदीय भाषा को भी सदन में करेंगे प्रतिबंधित

शहर हित में की गई सार्थक चर्चा के लिए कोई समय सीमा नहीं होती- महापौर

नगर निगम का बजट सम्मेलन अत्यंत गंभीरता एवं सक्रिय सहभागिता के साथ संपन्न हुआ, जो रात्रि 8:30 बजे तक चला। इस दौरान नगर निगम परिषद के सदस्यों द्वारा कई अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई एवं महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पारित किया गया।

वन नेशन, वन इलेक्शन का समर्थन

बैठक में महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव द्वारा “वन नेशन, वन इलेक्शन” (एक राष्ट्र, एक चुनाव) नीति के समर्थन में विस्तार से चर्चा करते हुए, सदस्यों की उपस्थिति में प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस नीति के लागू होने से न केवल चुनावों पर होने वाले अत्यधिक व्यय में कमी आएगी, बल्कि समय की भी बचत होगी। साथ ही, देश लगातार चुनावी मोड में रहने से जो प्रशासनिक व विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है, उससे भी निजात मिलेगी। सदन ने इस नीति को लोकतांत्रिक मजबूती की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।

असंसदीय भाषा पर प्रतिबंध का प्रस्ताव

सदन में मर्यादित व गरिमापूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने हेतु, असंसदीय भाषा के प्रयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया। यह प्रस्ताव इस दृष्टिकोण से रखा गया कि सदन की कार्यवाही में गरिमा बनी रहे और जनप्रतिनिधियों की भाषा आमजन के लिए अनुकरणीय हो।

सदन के समय में संशोधन

वर्तमान नगर निगम परिषद संचालन नियमावली 2005 के अनुसार, सदन की कार्यवाही शाम 6:00 बजे तक चलने का प्रावधान है। किंतु नगर निगम परिषद की कार्यशैली एवं कार्यभार की बढ़ती मांग को देखते हुए, परिषद के सभी सदस्यों द्वारा इस समय-सीमा को विलोपित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। अब आवश्यकता अनुसार सदन की कार्यवाही निर्धारित समय से आगे भी चल सकती है, जिससे महत्त्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा सुनिश्चित हो सके, इस हेतु प्रस्ताव तैयार करने के भी महापौर जी द्वारा निर्देश दिए गए।

नगर निगम बजट सम्मेलन में लिए गए यह निर्णय न केवल नगर के प्रशासन को अधिक प्रभावशाली बनाएंगे, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को भी अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाएंगे। परिषद द्वारा उठाए गए ये कदम नगर के विकास और जनहित में एक महत्वपूर्ण दिशा तय करते हैं।

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