भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए सोमवार रात 11 बजे से ही करीब 25 हजार भक्त दर्शन की कतार में खड़े हो गए थे। प्रारंभिक पूजा अर्चना के बाद जैसे ही दर्शन का सिलसिला शुर हुआ भक्त नागचंद्रेश्वर के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ने लगे।
उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में नागपंचमी का उल्लास छाया है। मंदिर की परंपरा अनुसार सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात 12 बजे एक साल बाद श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खोले गए। महानिर्वाणी अखाड़े के महंत गिरीजी महाराज ने भगवान नागचंद्रेश्वर की प्रथम पूजा की। इसके बाद दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया है, जो मंगलवार रात 12 बजे तक अनवरत जारी रहेगा।

भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए सोमवार रात 11 बजे से ही करीब 25 हजार भक्त दर्शन की कतार में खड़े हो गए थे। प्रारंभिक पूजा अर्चना के बाद जैसे ही दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ भक्त नागचंद्रेश्वर के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ने लगे। रिमझिम फुहारों के बीच आस्था की हिलोरे आसमान छू रही थी। मंगलवार दोपहर 12 बजे शासन की ओर से अधिकारी तथा शाम 7.30 बजे मंदिर समिति की ओर से पुजारी, पुरोहित भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा अर्चना करेंगे। मंदिर समिति व जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा व सुगम दर्शन व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

अलग-अलग दर्शन व्यवस्था
- मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया नागपंचमी पर भगवान महाकाल व नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन की पृथक व्यवस्था की गई है।
- दोनों मंदिरों में दर्शन के लिए भक्तों को अलग-अलग कतार में लगना होगा।
- नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए सामान्य दर्शनार्थियों की कतार कर्कराज पार्किंग से लगेगी।
- यहां से भक्त भील समाज की धर्मशाला, चारधाम मंदिर जिगजेग, हरसिद्धि चौराहा, बड़ा गणेश के सामने से होते हुए मंदिर के 4 नंबर गेट से विश्राम धाम में प्रवेश करेंगे।
- पश्चात एयरो ब्रिज से होकर नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंचकर दर्शन करेंगे।
- दर्शन के उपरांत ब्रिज के रास्ते ही पुन: मंदिर से बाहर निकलकर बड़ा गणेश, हरसिद्धि चौराहा होते हुए निर्धारित मार्ग से गंतव्य की ओर रवाना होंगे।
- भगवान नागचंद्रेश्वर के शीघ्र दर्शन टिकट के माध्यम से दर्शन कराने वाले श्रद्धालुओं को हरसिद्धि चौराहा से प्रवेश दिया जाएगा।
