Minister Pradyuman Singh Tomar : वार्ड 16 के रेशम मील क्षेत्र में बिना सूचना दिए निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर। गंदगी की शिकायत मिली तो पहले फावड़ा उठाकर नाली साफ की। फिर अधिकारियों की फटकार। जनता की समस्याएं भी सुनीं।
मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एक बार फिर अपनी धरातल से जुड़ी कार्यशैली का परिचय देते हुए आमजन के बीच प्रशंसा हासिल की है। इसी का ताजा उदाहरण ग्वालियर के वार्ड नंबर-16 में स्थित रेशम मील इलाके में उस समय देखने को मिला, जब नालियों की गंदगी और जलभराव की शिकायतों पर वे बिना किसी पूर्व सूचना के मौके पर पहुंचे और अधिकारियों मंत्री तोमर जब रेशम मील इलाके पहुंचे तो वहां की नालियों की बदहाल स्थिति देखकर नाराज हुए, लेकिन उन्हें अपनी नाराजगी अफसरों पर मूंह से बोलकर नहीं, बल्कि हाथों से करके जाहिर की। जी हां… नालियों की बदहाल स्थिति देख मंत्री जी ने खुद ही फावड़ा उठाया और नालियां साफ करने में जुट गए। उन्होंने इस काम में अपसरों से कुछ कहने के बजाए स्थानीय लोगों को ही आगे बुलाकर अपने साथ सफाई कराई। इससे एक तरफ तो स्थानीय लोगों में उनके प्रति जुड़ाव की भावना देखने को मिली तो वहीं, दूसरी तरफ अफसरों को भी एक कड़ा संदेश गया कि, अगर वो अपने लापरवाह रवैय्ये से बाज नहीं आएंगे तो उन्हें फटकार लगाने के बजाए, इस तरह जवाब दिया जाएगा, जिसके परिणाम भी खुद उन्हीं को भुगतने पड़ेंगे। फिलहाल, ऊर्जा मंत्री तोमर की ये पहल हर बार की तरह इस बार भी चर्चा का विषय बन गई है।को फटकार लगाने से पहले खुद ही फावड़ा उठाकर नाली की सफाई कर डाली। अब उनके इस जुदा अंदाज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सफाई के बाद अफसरों को फटकार
अपने हाथों से सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित करने के बाद शुरुआती स्थिति संतोषजनक न पाई जाने पर मंत्री तोमर ने मौके पर मौजूद नगर निगम अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और आगे इस तरह की व्यवस्था पाए जाने पर तत्काल सुधार करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि, ‘जनता को मूलभूत सुविधाएं देना हमारी प्राथमिकता है। स्वच्छता में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’
जनसम्पर्क में समस्याएं सुन त्वरित निर्देश दिए
रेशम मील क्षेत्र से आगे बढ़ते हुए मंत्री तोमर ने वार्ड के अन्य हिस्सों में भी जनसम्पर्क अभियान चलाया। लोगों ने पेयजल आपूर्ति, सीवर लाइन, स्ट्रीट लाइट और सड़कों की मरम्मत से जुड़ी समस्याएं मंत्री तोमर के सामने रखीं। मंत्री ने मौके पर मौजूद संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश देते हुए कुछ मामलों में तीन से सात दिन की समय-सीमा तक तय की है।
कई बार दिख चुका है मंत्री तोमर का ये अंदाज
ये कोई पहली बार नहीं है, जब प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सफाई कार्य में खुद हिस्सा लिया हो। वे पहले भी कई बार स्वयं मैदान में उतरकर स्वच्छता अभियानों में भाग लेते रहे हैं। उनकी इस जमीनी पहल और जवाबदेही भरे रवैये को जनता का व्यापक समर्थन मिलता रहा है।
निष्कर्ष
मंत्री तोमर की ये पहल एक बार फिर साबित करती है कि, नेतृत्व सिर्फ कार्यालयों से नहीं, मैदान से दिखता है। उनकी सक्रियता न सिर्फ जनता को राहत देती है, बल्कि प्रशासनिक तंत्र को भी जवाबदेह बनाने में अहम योगदान निभाती है।