ग्वालियर में आयोजित कलेक्टर जनसुनवाई के दौरान जमकर हंगामा. अवैध कॉलोनी की शिकायत लेकर पहुंचे युवक और जनसुनवाई में मौजूद तहसीलदार के बीच झूमा झटकी हो गई.
ग्वालियर: पूरे मध्य प्रदेश में जनसमस्याओं की सुनवाई के लिये मंगलवार के दिन नगर निगम, पुलिस और कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई का आयोजन किया जाता है. हार्बर की तरह एक बार फिर ग्वालियर की कलेक्टर जनसुनवाई चर्चाओं में है. वजह है जनसुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता और अधिकारी के बीच हुई झड़प.
क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के मुरार करगवां के रहने वाले मिथुन परिहार का कहना है कि 2023 से वह अपने क्षेत्र में चल रहे अवैध कॉलोनियों के निर्माण को लेकर भूमाफियाओं की शिकायत कलेक्ट्रेट और जनसुनवाइयों में कर रहे हैं. लेकिन हर बार उनको कार्रवाई का आश्वासन दिया जाता है लेकिन आज तक भूमाफिया पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
मंगलवार को भी वह अपनी शिकायत लेकर पहुंचा था शिकायतकर्ता, कार्रवाई के आश्वासन पर हुई बहस
मिथुन परिहार का कहना है कि मंगलवार को भी वह अपनी शिकायत लेकर पहुंचा तो मुरार एसडीएम ने आवेदन लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया. इस बात से शिकायतकर्ता मिथुन नाराज हो गया. उसका कहना था कि हर बार आश्वासन दे दिया जाता है लेकिन कार्रवाई कब करेंगे? उनके क्षेत्र के सभी लोग इन अवैध कॉलोनियों के काटने से परेशान हैं. इन सरकारी भूमि पर भी भूमाफिया अवैध कॉलोनियों काट रहे हैं. इस बात पर शिकायतकर्ता और एसडीएम के बीच तीखी बहस होने लगी.

बहस के बीच तहसीलदार ने खोया आपा
अचानक हंगामा बढ़ता देख सिटी सेंटर सर्किल तहसीलदार कुलदीपक दुबे भी बीच में आ गए. जब युवक सीएम हेल्पाइन में उसकी शिकायतों पर अधिकारियों के जवाब दिखाने लगा तो तहसीलदार ने आपा खो दिया और शिकायतकर्ता युवक को बाहर निकालने की कोशिश करने लगे. जिस पर युवक ने उन्हें हाथ लगाने को मना किया तो पीछे से आए तहसीलदार ने उन्हें ज़मीन पर पटक दिया. इसके बाद पुलिस को बुलाकर शिकायतकर्ता को बाहर कर दिया गया.

तीन साल से सिर्फ़ आश्वासन, एक्शन मांगा तो हुई मारपीट
पीड़ित मिथुन परिहार का कहना है कि वह पिछले तीन वर्षों से यहां कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है. ना जांच होती है ना कार्रवाई. आज जब जनसुनवाई में कार्रवाई की मांग की तो उनके साथ अभद्रता और मारपीट की गई.
कलेक्टर बोलीं- संयम से अपनी बात रखें सभी आवेदक
वहीं मामले में कलेक्टर रुचिका चौहान का कहना है “कलेक्ट्रेट में एक आवेदक द्वारा किसी वजह से जनसुनवाई में तेज आवाज में बहस और धक्कामुक्की की गई. जिस अधिकारी के साथ यह घटनाक्रम हुआ वह हाल ही में यहां पदस्थ हुए हैं. आवेदकों को अपनी बात जनसुनवाई में रखने का अधिकार है लेकिन इस तरह किसी को भी संयम नहीं खोना चाहिए, इस पूरे मामले में जांच कराई जाएगी.”


