राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के 22 बच्चों को गोद लेंगे, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी में अपने माता-पिता को खो दिए.
जम्मू: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिले पुंछ में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी में अपने माता-पिता को खोने वाले 22 बच्चों को ‘गोद’ लेंगे. जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इन बच्चों के स्नातक होने तक उनकी शिक्षा का खर्च उठाएंगे और वित्तीय सहायता की पहली किस्त बुधवार को जारी की जाएगी.
कर्रा ने सोमवार को जम्मू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “राहुल गांधी उन 22 बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च उठाएंगे, जिन्होंने पाकिस्तानी गोलाबारी में अपने माता-पिता या अपने परिवार के किसी एक सदस्य को खो दिया है. सहायता की पहली किस्त बुधवार को जारी की जाएगी ताकि बच्चे अपनी शिक्षा जारी रख सकें. यह सहायता इन बच्चों के स्नातक होने तक जारी रहेगी.”
हमीद कर्रा ने कहा कि मई में पुंछ की यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं को सीमा पर पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी से प्रभावित बच्चों की एक सूची तैयार करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद एक सर्वेक्षण किया गया और सरकारी रिकॉर्ड से सत्यापन के बाद अंतिम सूची तैयार की गई.
राहुल ने 24 मई को किया था पुंछ का दौरा
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 24 मई को पुंछ का दौरा किया था और एक स्थानीय स्कूल में छात्रों से बातचीत की थी और उनसे कहा था कि “चिंता न करें, स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी.” गांधी ने छात्रों से बातचीत के दौरान कहा था, “आपने थोड़ा खतरा और भयावह स्थिति देखी है, लेकिन चिंता न करें, सब कुछ सामान्य हो जाएगा और इस समस्या से निपटने का आपका तरीका यह होना चाहिए कि आप खूब मेहनत से पढ़ाई करें, खूब खेलें और स्कूल में ढेर सारे दोस्त बनाएं.”
मई में भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान पुंछ जिले ने सबसे ज्यादा खतरा झेला था. 6-7 मई की दरम्यानी रात को, पाकिस्तानी सेना ने पुंछ के नागरिक इलाकों पर बमबारी की, जिसमें 14 लोग मारे गए थे, कई अन्य घायल हुए और सैकड़ों घर और अन्य ढांचे नष्ट हो गए थे.
16 मई को ईटीवी भारत से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक एजाज जान ने कहा था कि ज्यादातर गांवों पर “भारी बमबारी” की गई और यहां तक कि उन इलाकों को भी भारी नुकसान हुआ जो पहले प्रभावित नहीं हुए थे.
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमला बदला लेने के लिए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. इसके बाद सीमा पर दोनों तरफ से भारी गोलाबारी हुई थी.