झाबुआ में सामान्य वर्ग की अनदेखी कही भाजपा को पड़ ना जाए भारी!
वर्तमान परिस्थिति में भारतीय जनता पार्टी का जोर ट्राइबल क्षेत्र में ट्राइबल को नेतृत्व देने का है पर सोचने का विषय है की ट्राइबल क्षेत्र में सरपंच से लेकर संसद तक ट्राइबल व्यक्ति ही चुनाव लड़कर प्रतिनिधि बन सकता है केवल संगठन ही ऐसा मंत्र क्षेत्र बचा है जहां पर रहकर सामान्य व्यक्ति काम कर सकता है अगर वहां भी सामान्य व्यक्ति से यहां पद छीन लिया जाएगा तो सामान्य व्यक्ति कहां काम करेगा वैसे भी सोने का विषय है जब भारतीय जनता पार्टी अपने शैशव काल में थी तब तब तीन लोगों की भूमिका पार्टी को स्थापित करने में रही है जहां तक मुझे ज्ञान है उसे वक्त केवल सामान्य लोगों ने ही पार्टी का झंडा उठाया था और कांग्रेस शासन काल में अत्याचार सहे थे आज भारतीय जनता पार्टी स्थापित होने के बाद क्यों सामान्य लोगों को नजरअंदाज कर रही है यह सोचने का विषय है जबकि वहीं कांग्रेस पार्टी लगातार लंबे समय से संगठन के पदों पर सामान्य लोगों को अवसर दे रही है क्या ऐसे में सामान्य लोग भारतीय जनता पार्टी से जुदा रहेंगे यह सोचने का विषय है वैसे भी पिछले दो चुनाव को देखें तो सामान्य का वोट शहरी क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रति कम हुआ है