Tuesday, December 2, 2025

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जिला पंचायत अध्यक्ष रूदेश परस्ते, शहपुरा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष और सभी सदस्य पहुंचे...

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डिण्डौरी में शिलालेख विवाद गर्माया

जिला पंचायत अध्यक्ष रूदेश परस्ते, शहपुरा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष और सभी सदस्य पहुंचे कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया के पास पहुंचकर की शिकायत

डिण्डौरी।
जनपद पंचायत शहपुरा क्षेत्र में आयोजित विकास कार्यों के भूमि-पूजन और लोकार्पण कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल का पालन न किए जाने को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष रूदेश परस्ते, जनपद पंचायत शहपुरा के उपाध्यक्ष जितेन्द्र चंदेल सहित अन्य निर्वाचित जनपद सदस्यों ने मंगलवार को कलेक्टर डिण्डौरी अंजू पवन भदौरिया से मुलाकात की और सामूहिक रूप से लिखित शिकायत सौंपी।

प्रतिनिधियों का कहना है कि 25 से 28 नवंबर 2025 के बीच शहपुरा जनपद क्षेत्र में आयोजित विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों की न तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को सूचना दी गई और न ही कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए शिलालेख पत्थरों में प्रोटोकॉल के अनुसार उनके नाम शामिल किए गए। उन्होंने इसे जनप्रतिनिधियों के सम्मान, अधिकार और लोकतांत्रिक परंपराओं का खुला उल्लंघन बताया है।

जिला पंचायत अध्यक्ष रूदेश परस्ते का कहना है कि यह मामला किसी व्यक्तिगत असहमति का नहीं, बल्कि राजपत्रित प्रोटोकॉल की अनदेखी का संगठित रूप है। नियमों के अनुसार शिलालेखों पर जिला प्रभारी मंत्री, सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनपद पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, संबंधित जिला व जनपद सदस्य तथा ग्राम पंचायत के सरपंच और उपसरपंच के नाम अनिवार्य रूप से दर्ज किए जाने चाहिए।

इसी बीच जनपद सदस्य सरोज परस्ते का बयान क्षेत्र में विशेष चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने कड़ा सवाल उठाते हुए कहा-
“क्या यह विधायक ओमप्रकाश धुर्वे के घर का निजी काम है, जो इस तरह से मनमानी की जा रही है? यह पूरी तरह सरकारी कार्य है और इसमें प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के नाम होना चाहिए था।”

जनपद उपाध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने भी शिकायत में आरोप लगाया कि शहपुरा क्षेत्र में पिछले कई कार्यक्रमों में इसी प्रकार की लापरवाही दोहराई गई है, जिससे यह प्रतीत होता है कि जनप्रतिनिधियों को जानबूझकर कार्यक्रमों से दूर रखा जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित नहीं किया गया, तो वे आंदोलनात्मक कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे।

प्रतिनिधियों ने कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया से अनुरोध किया कि गलत तरीके से लगाए गए शिलालेखों को शीघ्र संशोधित कराया जाए, सात दिवस के भीतर सुधार की जानकारी उपलब्ध कराई जाए, और भविष्य में किसी भी कार्यक्रम में प्रोटोकॉल अनुपालन के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं।
डिण्डौरी जिले सहित शहपुरा क्षेत्र में यह मुद्दा राजनीतिक सरगर्मी का केंद्र बन चुका है।

rजिला पंचायत अध्यक्ष रूदेश परस्ते, शहपुरा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष और सभी सदस्य पहुंचे कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया के पास पहुंचकर की शिकायत डिण्डौरी।जनपद पंचायत शहपुरा क्षेत्र में आयोजित विकास कार्यों के भूमि-पूजन और लोकार्पण कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल का पालन न किए जाने को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष रूदेश परस्ते, जनपद पंचायत शहपुरा के उपाध्यक्ष जितेन्द्र चंदेल सहित अन्य निर्वाचित जनपद सदस्यों ने मंगलवार को कलेक्टर डिण्डौरी अंजू पवन भदौरिया से मुलाकात की और सामूहिक रूप से लिखित शिकायत सौंपी।प्रतिनिधियों का कहना है कि 25 से 28 नवंबर 2025 के बीच शहपुरा जनपद क्षेत्र में आयोजित विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों की न तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को सूचना दी गई और न ही कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए शिलालेख पत्थरों में प्रोटोकॉल के अनुसार उनके नाम शामिल किए गए। उन्होंने इसे जनप्रतिनिधियों के सम्मान, अधिकार और लोकतांत्रिक परंपराओं का खुला उल्लंघन बताया है।जिला पंचायत अध्यक्ष रूदेश परस्ते का कहना है कि यह मामला किसी व्यक्तिगत असहमति का नहीं, बल्कि राजपत्रित प्रोटोकॉल की अनदेखी का संगठित रूप है। नियमों के अनुसार शिलालेखों पर जिला प्रभारी मंत्री, सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनपद पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, संबंधित जिला व जनपद सदस्य तथा ग्राम पंचायत के सरपंच और उपसरपंच के नाम अनिवार्य रूप से दर्ज किए जाने चाहिए।इसी बीच जनपद सदस्य सरोज परस्ते का बयान क्षेत्र में विशेष चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने कड़ा सवाल उठाते हुए कहा-“क्या यह विधायक ओमप्रकाश धुर्वे के घर का निजी काम है, जो इस तरह से मनमानी की जा रही है? यह पूरी तरह सरकारी कार्य है और इसमें प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के नाम होना चाहिए था।”जनपद उपाध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने भी शिकायत में आरोप लगाया कि शहपुरा क्षेत्र में पिछले कई कार्यक्रमों में इसी प्रकार की लापरवाही दोहराई गई है, जिससे यह प्रतीत होता है कि जनप्रतिनिधियों को जानबूझकर कार्यक्रमों से दूर रखा जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित नहीं किया गया, तो वे आंदोलनात्मक कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे।प्रतिनिधियों ने कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया से अनुरोध किया कि गलत तरीके से लगाए गए शिलालेखों को शीघ्र संशोधित कराया जाए, सात दिवस के भीतर सुधार की जानकारी उपलब्ध कराई जाए, और भविष्य में किसी भी कार्यक्रम में प्रोटोकॉल अनुपालन के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं।डिण्डौरी जिले सहित शहपुरा क्षेत्र में यह मुद्दा राजनीतिक सरगर्मी का केंद्र बन चुका है।

रिपोर्ट लीलाराम साहू डिंडोरी

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