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पीथमपुर (धार)धरना, रैली, प्रदर्शन, में बच्चों को ले जाने पर होगी कानूनी कार्यवाही

विगत दिनों जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में युनियन कार्बाइड के जहरीले अपशिष्ट को तारापुर के रामकी प्लांट में जलाने के विरोध प्रदर्शनांे मे निजी स्कूलों के विद्यर्थियों को सम्मिलित किया गया के संबंध में मंगलवार को जिला प्रशासन द्वारा पीथमपुर के सभी निजी स्कूल संचालकों की बैठक का आयोजन किया गया।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुभाष जैन ने बताया कि कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देशानुसार स्कूलों के बच्चों, विद्यार्थीयों को किसी भी प्रकार के प्रदर्शनों, धरनो, सत्याग्रह, रैली में सम्मिलित किये जाने के संबंध में प्रावधानों से स्कूल संचालकों को बताया गया कि-किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 75 के तहत् यह कृत्य बच्चों के प्रति क्रूरता की श्रेणी में आता है तथा यह अपराध यदि ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है जो किसी संगठन में नियोजित है या उसका प्रबंधन कर रहा है, जिसे बालक की देखरेख एवं संरक्षण का कार्य सौपा गया है तो वह 5 वर्ष के कठिन कारावास एवं पॉच लॉख तक के जुर्माने से दंडनीय होगा ।
इस संबंध में उच्च न्यायालय केरल के 24 सितंबर 2024 के निर्णय के संबंध में भी बताया। जिसमें न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि छोटे बच्चों को विरोध प्रदर्शनों, धरनो, सत्याग्रह के के लिए ले जाना चलन बन गया है। बच्चें के माता-पिता स्थिति की गंभीरता को नही समझते है। बिना साफ-सफाई के भीड़-भाड़ वाली स्थितियों में रहने से बच्चे बिमार पड सकते है। तेज आवाज भीड़ से बच्चे को आघात पहुंच सकता है। साथ ही विरोध प्रदशनों में हिंसा की संभावना होती है जिससे बच्चे के शारीरिक नुकसान का खतरा होता है। उन्होंने बताया कि पीथमपुर में होने वाले विरोध प्रदर्शनों में विघालय संचालको द्वारा विद्यार्थीयों कोे ले जाने संबंधी संज्ञान लिया गया है एवं बाल कल्याण समिति जिला-धार द्वारा ऐसे समस्त विद्यालय संचालकों को नोटिस जारी किये गये है, जो अपने स्कूलों में अध्ययन करने वाले विद्यार्थीयों को विरोध प्रदर्शनो मे ले गये है।

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