( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर )
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी, पीएम आवास योजना में एमपी के धार जिले में बट्टा लगाया जा रहा है. रिश्वत से जुड़े ऐसे ही एक मामले पर लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई की है.
PM Awas Yojana News : देश के हर एक नागरिक को खुद का घर मिले, इसके लिए केंद्र सरकार लगातार पीएम आवास योजना के कार्य को आगे बढ़ा रही है. इस योजना का लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचे. इस दिशा में प्रयास किए जा रही हैं. वहीं, मध्य प्रदेश के धार जिले से पीएम आवास योजना में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. भ्रष्टाचार से जुड़े एक ऐसे ही मामले पर इंदौर की लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी पर कार्रवाई की है. पीएम आवास योजना के हितग्राही से आवास की किस्त डालने के लिए रिश्वत मांगी जा रही थी.
रिश्वतखोरों को क्यों नहीं कानून का डर?
रिश्वतखोरी के मामले में धार जिला लगातार सुर्खियों में है. आए दिन किसी न किसी विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को लोकायुक्त पुलिस टीम रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर रही है. उसके बावजूद भी रिश्वतखोर अधिकारियों कर्मचारियों में किसी भी बात का भय नहीं है. इसकी सबसे बड़ी वजह धार जिले में प्रशासनिक पकड़ ढीली होना बताया जा रहा है.
ग्राम पंचायत सांगवी में पदस्थ रोजगार सहायक मदनलाल डामर को प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त जारी करने के एवज में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया. आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्रवाई जारी है.
पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
गुरुवार को भी लोकायुक्त इंदौर की टीम ने लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत बदनावर क्षेत्र में कार्रवाई की, जिसमें एक पंचायत के रोजगार सहायक को पीएम आवास योजना की राशि खाते में डलवाने के नाम पर पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया.
पीएम आवास योजना की राशि के एवज में मांगी थी रिश्वत
आवेदक अनिल निनामा पिता रूगनाथ निनामा निवासी ग्राम दौलतपुरा ग्राम पंचायत सांगवी तहसील बदनावर ने बताया कि उसकी माता के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अलग-अलग कुटीर स्वीकृत हुए थे. स्वीकृत आवासों की पहली किस्त पच्चीस हजार रुपए आवेदक और उसकी माता को मिलना थी. लेकिन आरोपी मदन लाल डामर पिता चंदूलाल डामर रोजगार सहायक ग्राम पंचायत सांगवी ने अनावेदक से पीएम आवास योजना की पहली किस्त आवेदकों खाते में डालने के एवज में घूस मांगी. आवेदक से 15000 रुपये की मांग की गई. इसकी शिकायत आवेदक ने लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय इंदौर को की थी.
सत्यापन किया गया पांच हजार रुपये की रिश्वत मिली
शिकायत मिलने पर लोकायुक्त पुलिस टीम ने इसका सत्यापन किया शिकायत सही पाए जाने पर आरोपी को ट्रैप किया गया. रोजगार सहायक को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया. लोकायुक्त पुलिस टीम द्वारा भ्रष्टाचार अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की जा रही है.
क्या प्रशानिक पकड़ ढीली हो गई ?
लोकायुक्त पुलिस की धार जिले में लगातार ट्रैपिंग कार्रवाई से पूरे प्रदेश में धार का नाम खराब हो रहा है. पिछले 06 माह की कार्रवाई पर नजर डालें तो धार जिले में रिश्वतखोरी के कई मामले सामने आए हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह अधिकारी कर्मचारियों पर प्रशासनिक लगाम नही होना बताया जा रहा है. जिले में आमजन की जागरूकता से जरूर रिश्वतखोरी करने वालो की आफत आई हुई है.