( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर )
वृन्दावन के युवा संत इन्द्रेश महाराज ने कहा कि नेपाल और बांग्लादेश में बिगड़ी परिस्थितियों के लिए वहां की सरकारें और राजनेता जिम्मेदार हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत में भी राजनेता और सरकार गलती करेंगे तो यहां भी हालात बिगड़ सकते हैं..
एनटीवी टाइम न्यूज खरगोन/नेपाल और बांग्लादेश के हालिया हालातों को लेकर देश में बयानबाजी का दौर जारी है। गुना विधायक के विवादित बयान के बाद अब संत, महात्मा और कथा वाचक इस मसले पर केंद्र सरकार को चेता रहे हैं। हाल ही में वृन्दावन के कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने कहा कि अगर सरकार और नेता गलती करेंगे तो हमारे यहां भी हालात बिगड़ सकते हैं।
खरगोन में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम के लिए आए वृंदावन के संत व प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश कृष्ण उपाध्याय ने कहा कि नेपाल और बांग्लादेश में बिगड़ी परिस्थितियों के लिये वहां की सरकारें और राजनेता जिम्मेदार हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत में भी राजनेता और सरकार गलती करेंगे तो यहां भी हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि ‘भारत में प्रेम और अपनत्व है, लेकिन जिस दिन यहां की सरकार और राजनेता गलती करेंगे, उस दिन भारत में भी नेपाल और बांग्लादेश जैसी परिस्थितियां बन सकती हैं।’
धर्म में राजनीति का हस्तक्षेप नहीं हो चाहिए
उन्होंने कहा राजनीति का हस्तक्षेप धर्म में नहीं होना चाहिए। धर्म, राजनीति को दिशा दे सकता है, लेकिन वर्तमान समय में स्थिति उलट हो रही है। शंकराचार्य द्वारा बनाए गए धार्मिक नियमों में राजनीतिक दखल बढ़ने से विकृति आ रही है।
धर्म की उपेक्षा हुई तो परिणाम गंभीर होंगे
इन्द्रेश महाराज ने कहा कि राजनीति व्यवस्था बना सकती है, जैसे मंदिर निर्माण में सुरक्षा या सुविधा, लेकिन धर्मजगत के लोगों को निर्णयों से अलग करना उचित नहीं। उन्होंने समाज को सचेत करते हुए कहा कि अगर इसी तरह धर्म की उपेक्षा हुई तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
लिव-इन मानसिक विकृति का परिणाम
लिव-इन रिलेशनशिप पर उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मानसिक विकृति का परिणाम है। यह किसी विकसित सोच का लक्षण नहीं है। धर्मशास्त्रों ने विवाह की जो व्यवस्था बनाई है, वही समाज के लिए सही और स्थायी है।
गाय को पशु नहीं, मां मानकर सेवा करें
भारत से बीफ निर्यात पर सवाल उठाते हुए संत ने कहा कि जितना लाभ सरकार को बीफ एक्सपोर्ट से होता है, उतना ही अगर सनातनी लोग गोमाता की सेवा में लगाकर सरकार को सहयोग करें तो निर्यात अपने आप रुक जाएगा। उन्होंने कहा कि गाय को पशु नहीं, मां मानकर सेवा करने की आवश्यकता है।
युवाओं को राम जैसा आचरण अपनाना चाहिए
युवाओं को संदेश देते हुए इन्द्रेश महाराज ने कहा कि “जीवन को राम जैसा आचरण और कृष्ण जैसा व्यवहार अपनाकर जीना चाहिए।” उन्होंने युवाओं से धर्म, संस्कार और कर्तव्यपालन को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।


